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नरेंद्र गिरी के बाद कौन होगा बाघम्बरी मठ का अगला महंत, सुसाइड नोट में खुला नाम

 
प्रयागराज

दिन सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उनका शव बाघंबरी मठ स्थित उनके कमरे में पंखे पर लटका मिला था। इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। तो वहीं, आज यानी 22 सितंबर को सीएम के निर्देश पर महंत नरेंद्र गिरी के शव का पोस्टमार्टम पांच डॉक्टर करेंगे, इसके लिए पैनल का गठन किया गया है। बता दें, पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था। सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप है। पुलिस ने आनंद गिरि को गिरफ्तार किया है।
 
महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में बाघम्बरी मठ के अपने नए उत्तराधिकारी के नाम का भी ऐलान किया है। नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट के मुताबिक, 'बलवीर गिरी मठ मंदिर का व्यवस्था प्रयास करना, जिस तरह से मैंने किया। इसी तरह से करना। आशुतोष गिरी, नीतीश गिरी एवं गद्दी की सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना। परम पूज्य महंत हरगोविंद पुरी से निवेदन है कि गद्दी का महंत बलवीर गिरी को बनाना। महंत रवींद्र पूरी जी सजावट आपने हमेशा साथ दिया। मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान दीजिएगा। सभी को मेरा- ओम नमो नारायण।'
 
महंत के नोट के मुताबिक, वह बीते 13 सितंबर को आत्महत्या करने जा रहे थे, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाए। 20 सितंबर को जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला की उनके साथ फोटो लगाकर गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा।
 
कहां तक देता सफाई: नरेंद्र गिरी
नरेंद्र गिरि ने लिखा, ''मैंने सोचा कहां तक सफाई दूंगा एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामयी पद है। सच्चाई तथा लोगों के बाद में चल रहा है, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। इसीलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं।'
 
मेरी मौत की जिम्मेदारी….
नोट में लिखा है, ''मेरी मौत की जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी संदीप तिवारी पुत्र आद्या प्रसाद तिवारी की होगी। प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं। मेरे आत्महत्या की जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए जिससे मेरी आत्मा को शांति मिले।''