भोपाल
सूबे में कानून की डिग्री देने विशेष अधिनियम से तैयार किए गए धर्मशास्त्र राष्टÑीय विधि विश्वविद्यालय (डीएनएलयू) जबलपुर और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) है। दोनों की करनी और कथनी में जमीन आसमान का अंतर है। जबकि दोनों में प्रवेश की प्रक्रिया क्लेट के मध्यम से ही पूर्ण होती है।
शिक्षकों की भर्ती के लिए दोनों विवि के अलग-अलग नियम सामने आये हैं। डीएनएलयू में भर्ती के विज्ञापन में अरक्षण लागू किया गया है। जबकि एनएलआईयू रोस्टर के बिना ही भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने जा रहा है। एनएलआईय में 15 असिस्टेंट , एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की भर्ती निकाली गई है, जिसके कुछ पदों पर भर्ती कर दी गई है। शेष आधा दर्जन पदों के लिये आज से साक्षात्कार रखे गये हैं। 15 पदों के लिये कुलपति वीरभद्र विजयकुमार ने रोस्टर नहीं लगाया है। उन्हें आरक्षण के बिना ही आवेदन बुलाकर साक्षात्कार कराना शुरू कर दिये हैं।
वहीं डीएनएलयू में सिर्फ सात पदों पर रोस्टर लगा है। उम्मीदवार छह जून की शाम पांच बजे तक आवेदन कर सकते हैं। इसमें दो प्रोफेसर में एक सामान्य और एक एससी में दिया गया है। एसोसिएट प्रोफेसर पांच के पदों में दो सामान्य और एक में एससी तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के लिये एक सामान्य और एक ओबीसी उम्मीदवार से भर्ती होगी। चयनित करने के लिये यूजीसी के मापदंडों का पालन किया जाएगा। जबकि बीसीआई, यूजीसी और आदमजाति कल्याण विभाग रोस्टर पालन करने को कह रहे हैं। इसके बाद भी एनएलआईयू ने रोस्टर के बिना भर्ती प्रक्रिया जारी रखी है।
खास को तवज्जो
देशभर से एनएलअईयू को 150 आवेदन मिले थे इसमें से पीएचडी और नेट क्वालीफाई उम्मीदवारों को बाहर किया गया है। ऐसे आरोप है कुलपति वीरभद्र विजय कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर में अमित प्रताप सिंह, सौभाग्य भतकारिया, रिदिमा दीक्षित व अभिनव गुप्ता और प्रोफेसर के लिये अतुल कुमार पांडे का चयन कराना चाहते हैं।