मुल्तान के एक अस्पताल की छत पर मिलीं 200 सड़ी-गली लाशें

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मुल्तान
 पाकिस्तान के मुल्तान शहर से एक खौफनाक मंजर सामने आया है. मुल्तान शहर में स्थित एक अस्पताल की छत पर कम से कम 200 सड़ी-गली लाशें मिली हैं, जिससे पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. पाकिस्तान की जियो न्यूज ने दावा किया है कि शुक्रवार को मुल्तान में निश्तार अस्पताल के मुर्दाघर की छत से ये सड़ी-गली लाशें मिली हैं, जिसके बाद सरकार ने इस घटना की जांच करने का फैसला किया. दावा किया गया कि कई के बॉडी पार्ट्स गायब थे और महिलाओं के शव पर नंगे ही पड़े थे.

सूत्रों के मुताबिक, निश्तार अस्पताल की छत पर बने कमरे में दर्जनों शव सड़ रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर चल रही खबर के मुताबिक, छत से मानव शरीर के सैकड़ों अंग बरामद किए गए हैं. हालांकि, शवों की संख्या को लेकर अभी तक किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा न तो इसकी पुष्टि की गई है और न ही इसका खंडन किया गया है.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान स्थित पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार तारिक जमान गुर्जर ने कहा कि एक शख्स ने उन्हें निश्तार अस्पताल के मुर्दाघर की छत पर शवों के सड़ने की सूचना दी. उन्होंने कहा, ‘जब मैं निश्तार अस्पताल के दौरे पर गया था, तभी एक शख्स मेरे पास आया और कहा कि अगर आप कोई अच्छा काम करना चाहते हैं तो मुर्दाघर जाएं और उसकी जांच करें.’

जमान गुर्जन ने कहा कि जब वह वहां पहुंचे तो कर्मचारी मोर्चरी का दरवाजा खोलने को तैयार नहीं था. उन्होंने कहा, ‘इसके बाद मैंने उसे धमकी दी कि अगर इसे अभी नहीं खोला गया तो मैं आप लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराऊंगा.’ उन्होंने कहा कि जब मुर्दा घर खोला गया और वे जैसे ही भीतर गए, उन्होंने पाया कि करीब 200 शव पड़े हुए हैं. इनमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के सड़े-गले शव थे और वह भी नग्न अवस्था में. यहां तक कि महिलाओं के शव को भी नहीं ढंका गया था.

इसके बाद जब गुर्जन ने डॉक्टर से पूछा कि यहां ये सब क्या हो रहा है तो डॉक्टर ने जवाब दिया कि पढ़ाई के वास्ते मेडिकल स्टूडेंट्स इसका इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने मोर्चरी अधिकारियों से पूछा कि क्या आप शवों की बिक्री करते हैं? गुर्जर ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों से घटना की व्याख्या करने के लिए कहा और जवाब में डॉक्टरों ने कहा कि जैसा मामला दिख रहा है, वैसा कुछ भी नहीं है, क्योंकि मेडिकल छात्रों द्वारा शैक्षिक उद्देश्यों के लिए इन शवों का इस्तेमाल किया गया था.

उन्होंने कहा कि 50 साल के इतिहास में उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा था. गिद्ध और कीड़े छत पर लाशों को नोच रहे थे. हमें पता चला है कि मुर्दाघर की छत पर कम से कम 35 शव थे. गुर्जर ने कहा कि अगर मेडिकल एजुकेशन के मकसद से अगर इन शवों का इस्तेमाल किया भी गया था तो भी इस्तेमाल किए जाने के बाद शवों को नमाज-ए-जनाजा के बाद उचित दफनाया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें छत पर ऐसे ही फेंक दिया गया था.

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