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मासिक धर्म स्वच्छता संबंधी गलतियों के 5 प्रमुख दुष्प्रभाव

पीरियड के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पीरियड्स के दौरान स्वच्छता रखने से इन्फेक्शन की आशंका को कम किया जा सकता है। पीरियड्स के दौरान स्वच्छता न होना स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा संकट है। पीरियड्स के दौरान खून और टिश्यू के नुकसान से बैक्टीरिया की समस्या पैदा हो जाती है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण भी बन सकता है।

आज यानी 28 मई को दुनियाभर में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (Menstrual Hygiene Day) मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखने से वाले रोगों और उनसे बचाव के बारे में जागरूकता फैलाना है।

इस खास अवसर पर iThrive की सीईओ एंड फाउंडर और फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट मुग्धा प्रधान आपको बता रही हैं कि पीरियड्स के दिनों महिलाओं को साफ-सफाई का ध्यान क्यों रखना चाहिए और ऐसा नहीं करने से क्या समस्या हो सकती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)

यह एक ऐसी बीमारी है जो यूरिनरी ट्रैक्ट के किसी भी हिस्से को प्रभावित करती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है। यूरिनरी ट्रैक्ट यानी मूत्राशय का इन्फेक्शन बहुत दर्दनाक हो सकता है। यदि UTI आपके किडनी में फैलता है, तो इसके अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।

जेनिटल ट्रैक्ट इन्फेक्शन का जोखिम

जेनिटल ट्रैक्ट इन्फेक्शन- एंडोमेट्रैटिस और/या सल्पिंजाइटिस गर्भाशय और/या फैलोपियन ट्यूब में होने वाला बैक्टीरियल इन्फेक्शन हैं। यह पेरिटोनाइटिस, पेल्विक फोड़े या सेप्टीसीमिया की वजह से और खराब स्थिति में पहुंचा सकता है। UGTI सेक्शुअल संपर्क से फैल सकता है या प्रसव या गर्भपात के बाद विकसित हो सकता है।

बैक्टीरियल वजाइनोसिस

जिन महिलाओं की उम्र बच्चा पैदा करने की है, उनमें बैक्टीरियल वजाइनोसिस का खतराअधिक होता है। असुरक्षित यौन संबंध या नियमित डूशिंग जैसी गतिविधियां इसका जोखिम बढ़ा सकती हैं। कुछ स्थितियों में कोई लक्षण भी नहीं होते हैं, जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। अन्य लक्षणों में असामान्य वजाइनल डिस्चार्ज, जलन और गंध शामिल है।

रीप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इन्फेक्शन (RTI)

रीप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में तीन प्रकार के इन्फेक्शन होते हैं: 1) सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी), जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया, कैंक्रॉइड और एचआईवी; 2) एंडोजेनस इन्फेक्शन, जैसे बैक्टीरियल वजाइनोसिस या वल्वोवजाइनल कैंडिडायसिस; और 3) आईट्रोजेनिक इन्फेक्शन, जो गलत चिकित्सकीय इलाज के कारण होते हैं, जैसे असुरक्षित एबॉर्शन या प्रसव की उचित व्यवस्थाए न होना।

पीरियड के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

    पीरियड्स में मेंस्ट्रुअल कप, टैम्पोन या ऑर्गेनिक कॉटन सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करें।
    लंबे समय तक पैड न पहनें क्योंकि इससे जलन, रैश, दुर्गंध हो सकते हैं (अर्थात 6-8 घंटे से अधिक नहीं)
    इन्फेक्शन से बचने के लिए साफ पैड या धूप में सुखाए गए कपड़े का प्रयोग करें।
    पीरियड के दौरान असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं।

यदि आपको पोंछने की आदत है, तो सुनिश्चित करें कि आप आगे से पीछे ही पोंछें न कि पीछे से आगे। पीछे से आगे पोंछने पर बैक्टीरिया आंत से योनि में जाने का खतरा बढ़ जाता है। सुनिश्चित करें कि आप पैड को ठीक से डिस्पोज करती हैं।