अधिकारियों की टीम नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेजों का करेगी निरीक्षण

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भोपाल
प्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता इस साल आसानी से नहीं मिल पाएगी। हाल ही में ग्वालियर और धार में कॉलेजों को मान्यता देने में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने सख्ती की तैयारी की है। स्वास्थ्य विभाग भी इसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग की मदद करेगा। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय छात्रों के हित में एडवाइजरी भी जारी करने जा रहा है। इसमें यह कहा जाएगा कि जब तक किसी भी कॉलेज की मान्यता चिकित्सा शिक्षा विभाग के पोर्टल में ना दिखाई दे तब तक दाखिला ना लें। संचालनालय के अफसरों ने बताया कि कई बार नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज दाखिला दे देते है। मान्यता नहीं मिलती तो छात्रों को हथियार बना लेते हैं। कॉलेज संचालकों का यही कहना होता है कि मान्यता नहीं मिलने पर छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा।ऐसे में छात्रों को भी पहले से सतर्क रहना होगा।

हाल ही में धार में एक नर्सिंग कॉलेज के निरीक्षण में कई कमियां मिली थी। इसमें चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने जब पड़ताल कराई तो सामने आया कि मान्यता के लिए निरीक्षण करने वाली टीम ने ही ठीक से मापदंडों को नहीं परखा था। इस कॉलेज की मान्यता निरस्त कर दी गई थी। इसी तरह से ग्वालियर में भी 15 नर्सिंग कॉलेज 9 नर्सिंग होम्स से संबद्धता लेकर संचालित हो रहे थे। निरीक्षण करने वाली टीम ने अपनी टिप्पणी में लिखा था कि निजी अस्पतालों में मरीज कम है। हालांकि मान्यता दी जा सकती है।

संचालनालय के अफसरों ने कहा कि अगर मरीज कम है तो मान्यता की अनुशंसा नहीं की जानी चाहिए थी। पैरा मेडिकल कॉलेजों की मान्यता में भी इसी तरह की गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं।

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े ने कहा कि अब पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता आसान नहीं होगी। सभी मापदंड पूरे होने पर ही मान्यता दी जाएगी।

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