महाकाल मंदिर में दो अक्टूबर से मनेगा उमा सांझी महोत्सव

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उज्जैन
महाकाल मंदिर में दो अक्टूबर से पांच दिवसीय उमा सांझी उत्सव मनाया जाएगा। धर्म व संस्कृति के इस अनूठे पर्व में का आयोजन सभा मंडप में होगा। पुजारी रंगोली के रंग से सांझी तथा धार्मिक झांकियां सजाएंगे। प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे।

ज्योतिर्लिंग की परंपरा अनुसार अश्विन कृष्ण एकादशी से सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या तक पांच दिन उमा सांझी उत्सव मनाया जाता है। मंदिर के पुजारी, पुरोहित मिलकर सभा मंडप में उमा (पार्वती) माता की ओर से रंगोली के रंग द्वारा सांझी (कलाकृतियां) बनाते हैं। भगवान शिव व माता पार्वती के विभिन्न् रूपों की धार्मिक झांकियां भी सजाई जाती है। इस बार यह उत्सव दो से छह अक्टूबर तक मनाया जाएगा। उत्सव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि बीते वर्ष की तरह इस बार भी महोत्सव अंतर्गत होने वाली संत ढोलीबुआ की कथा तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे।

अश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर सात अक्टूबर को माता पार्वती की सवारी निकलेगी। उमा माता सांझी विसर्जित करने के लिए चांदी की पालकी में सवार होकर मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेंगी। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे माता पार्वती की सवारी शुरू होगी। भगवान महाकाल नंदी पर सवार होकर सवारी में शामिल होंगे। उमा सांझी उत्सव के समापन पर साल में एक बार ही माता पार्वती की सवारी निकलती है। उमा सांझी उत्सव में होने वाले धार्मिक कार्यक्रम व माता पार्वती की सवारी का मार्ग आदि व्यवस्था निर्धारित करने के लिए एक-दो दिन में मंदिर प्रशासन की पुजारी, पुरोहितों के साथ बैठक होगी।

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