CM चरणजीत कैबिनेट: केंद्रीय आलाकमान के साथ लंबी बैठकों के बाद मंत्री बने 15 विधायक

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चंडीगढ़
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. राहुल गांधी और केंद्रीय आलाकमान के साथ लंबी बैठकों के बाद पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने कैबिनेट का गठन कर दिया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के करीबियों को जगह मिली है तो साथ ही कैप्टन के कई विरोधियों को भी. मंत्रिमंडल के नए चेहरों ने पंजाब के गवर्नर हाउस में शपथ ली. सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी को डिप्टी सीएम बनाने पर तो पहले ही मुहर लग गई थी.

पंजाब कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले मंत्री पद के बड़े दावेदार कुलजीत नागरा ने अपनी दावेदारी छोड़ दी थी. नागरा ने फेसबुक पर लाइव होकर अपनी दावेदारी छोड़ दी थी. छह बार के विधायक ब्रह्म मोहिंद्रा ने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली है. ब्रह्म मोहिंद्रा कैप्टन सरकार में भी मंत्री रहे. मनप्रीत सिंह बादल और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने भी मंत्री पद की शपथ ले ली है.

रजिया सुल्ताना, राजिंदर सिंगला, अरुणा चौधरी, भारत भूषण आशु ने मंत्री पद की शपथ ले ली है. राजिंदर सिंगला कैप्टन सरकार में भी मंत्री थे. सिंगला के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था. फतेहगढ़ साहिब की अमलोह सीट से विधायक रणदीप सिंह नाभा, राजकुमार वेरका, कैप्टन के धुर विरोधी संगत सिंह गिलजियान, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ले ली है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह के धुर विरोधी गिद्दरबाहा से विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को भी चन्नी कैबिनेट में जगह मिली है. राजा वडिंग ने मंत्री पद की शपथ ले ली है. पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते गुरकीरत कोटली ने भी मंत्री पद की शपथ ली है.

कैबिनेट में शामिल हुए ये नाम
1- ब्रह्म मोहिंद्रा- ये पटियाला से आते हैं, अमरिंदर सिंह के खास माने जाते हैं. स्थानीय निकाय मंत्री रह चुके हैं. पंजाब में बड़ा हिंदू चेहरा माने जाते हैं.

2- भारत भूषण आशु- ये लुधियाना से आते हैं. पुराने कांग्रेसी हैं, हिंदू चेहरा, युवाओं पर पकड़, दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं. फूड एंड सप्लाई विभाग संभाल चुके हैं.

3- मनप्रीत सिंह बादल- बादल परिवार से बगावत कर कांग्रेस में आए, वित्त मंत्री बने, अमरिंदर सिंह के खास भी रहे. अब पाला बदल के चन्नी के साथ हैं.

4- तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा- बाजवा ने सिद्धू के समर्थन में कैप्टन से दुश्मनी ली, सबसे पहले बगावत का बिगुल बजाया था. कभी कैप्टन के नौ रत्नों में शुमार थे. पावरफुल कैबिनेट मंत्री रहे हैं.

5- राणा गुरजीत सिंह- कैप्टन सरकार में मंत्री बने विवाद में नाम आने पर इस्तीफ़ा देना पड़ा. वह कैप्टन के समर्थक रहे हैं.

6- अरुणा चौधरी- दीना नगर विधानसभा से विधायक. चार बार विधायक रहे जय मुनि चौधरी की पुत्रवधु हैं.

7- रजिया सुल्ताना- तीन बार की विधायक हैं. मलेरकोटला से विधायक रजिया कैप्टन सरकार में साल 2018 तक मंत्री रहीं. मंत्रिमंडल का एकमात्र मुस्लिम चेहरा.

8- भारत भूषण आशु- यह लुधियाना से आते हैं. पुराने कांग्रेसी हैं, हिंदू चेहरा, युवाओं पर पकड़, दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं. फूड एंड सप्लाई विभाग संभाल चुके हैं.

9- विजय इंदर सिंगला- सिंघला शिक्षा मंत्री रहे हैं,  गांधी परिवार से नज़दीकियां हैं और अंत तक अमरिंदर सिंह के साथ खड़े रहे.

10- रणदीप सिंह नाभा- फतेहगढ़ साहिब की अमलोह विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक. विधानसभा की लायब्रेरी कमेटी के सदस्य.

11- राजकुमार वेरका- अमृतसर वेस्ट से विधायक. लगातार तीसरी बार विधानसभा सदस्य, पंजाब कांग्रेस का दलित चेहरा. फिल्मों में भी काम कर चुके हैं.

12- संगत सिंह गिलजियान- पंजाब के उरमार से लगातार तीसरी बार विधायक. कैप्टन के धुर विरोधी माने जाते हैं. टीम सिद्धू के हिस्से से पार्टी की सरकार में जा रहे हैं.

13- परगट सिंह- भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान, सिद्धू के करीबी के रूप में है पहचान. जालंधर कैंट से 2012 और 2017 में विधायक.

14- अमरिंदर सिंह राजा वडिंग- 2012 में पहली बार गिद्दरबाहा सीट से विधायक निर्वाचित हुए. कैप्टन के विरोधी. छात्र राजनीति से सियासी सफर की शुरुआत की थी.

15- गुरकीरत सिंह कोटली- खन्ना से विधायक गुरकीरत कोटली 2012 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. दादा बेअंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

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