कोरोना के डेढ़ साल की अवधि में बाधित हुई मैनिट की रिसर्च

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 भोपाल
कोविड-19 महामारी के चलते मौलाना आजाद राष्टÑीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) रिसर्च स्कॉलर्स रिसर्च संबंधित एवं अन्य आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। मैनिट प्रबंधन द्वारा पीएचडी स्कॉलर्स पर जबरिया नियम थोपकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा है। रिसर्च स्कॉलर्स विगत डेढ़ साल के कोरोनाकाल में मैनिट से दूर रहकर अपने घर पर ही रिसर्च कार्य कर रहे हैं। मेनिट में ना होने के कारण संसाधनों और उचित मार्गदर्शन के अभाव में रिसर्च वर्क बाधित हुआ है। रिसर्च स्कॉलर्स मेनिट के अनावश्यक नियमों के कारण भारी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। कई स्कॉलर्स सुसाइडल मोड में पहुंच चुके हैं। पीएचडी स्कॉलर्स मेनिट से मांग रहा है कि क्यू1, क्यू2 स्टैंडर्ड के एससीआई/ एससीआईई रिसर्च जर्नल में रिसर्च पेपर पब्लिकेशन की बाध्यता को हटाते हुए स्कोपस इंडेक्स्ड रिसर्च जर्नल में रिसर्च पेपर पब्लिकेशन के आधार पर पीएचडी अवार्ड की जाए। रिसर्च जर्नल में पेपर डालने से पूर्व मैनिट से परमिशन लेने की अनावश्यक शर्त को हटाया जाए।

सांसद से लगाएंगे गुहार
पीएचडी स्कॉलर्स आज मेनिट डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रघुवंशी से मिलकर अपनी बात रखेंगे। वे पूर्व में मैनिट प्रबंधन को अपनी मांगों से अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। इसलिए वे सांसद प्रज्ञा सिंह से गुहार लगाएंगे। जरूरत पड़ने पर आंदोलन करेंगे।
 

 

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