सुको ने जीपी सिंह को गिरफ्तारी से दी राहत और फटकार भी लगाई

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रायपुर
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित जी पी सिंह मामले में दायर याचिका पर तल्ख टिप्पणी करते हुए सपअ शब्दों में कहा कि आपको प्रत्येक मामले में सुरक्षा नहीं दी जा सकती। सत्ताधारी पार्टियों के साथ पुलिस अफसरों की गठजोड़ को सुप्रीमकोर्ट ने गंभीरता से व चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह एक परेशान करने वाला दौर चल निकला है।

छत्तीसगढ़ के निलंबित एडीजी जी पी सिंह मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट के माननीय न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते। आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया क्योंकि आप सरकार के करीब हैं। यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा। हालांकि टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दर्ज तीसरी एफआईआर पर भी जीपी सिंह को गिरफ्तारी पर अंतरिम संरक्षण दे दिया। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर 1 अक्तूबर  को सारे मामले की सुनवाई तय की। जीपी सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस प्रकार के अधिकारियों को सुरक्षा की आवश्यकता है। पिछली सुनवाई में पुलिस अफसरों के सत्ताधारी दलों के साथ गठजोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी। जस्टिस एनवी रमना ने कहा था कि देश में ये परेशानी करने वाला ट्रेंड है।

माननीय न्यायाधीश् ने कहा कि पुलिस अफसर सत्ता में मौजूद राजनीतिक पार्टी तरफदारी करते हैं और उनके विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं। बाद में विरोधी सत्ता में आते हैं तो पुलिस अफसरों पर कार्यवाही करते हैं। इस हालात के लिए पुलिस विभाग को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए। उनको कानून के शासन पर टिके रहना चाहिए। इसे रोकने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर की। हालांकि फिलहाल उन्हें राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुलिस उन्हें चार हफ्ते तक राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार नहीं करेगी। इस संबंध में राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है. अफसर को जांच में सहयोग करने को कहा गया है।

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