एनपीके खादों के दाम बढ़ाना किसानों का गला दबाना जैसा

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भोपाल
एनपीके खाद के दामों में वृद्धि करके मध्य प्रदेश सरकार ने  कृषि क्षेत्र पर फिर से भीषण दबाव बना दिया है।मध्यप्रदेश विपणन संघ द्वारा जारी मूल्य खेती के लिये दम घोंटू सिद्ध होंगे।

 प्रदेश मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मूल्य बृद्धि की निंदा कर्ते हुये मांग की है कि सरकार तत्काल एनपीके खादों पर बढ़ाए गए दामों को वापस ले।

 गुप्ता ने कहा कि किसान पहले से ही यूरिया और अन्य खादों की मूल्य वृद्धि से परेशान हैं।  लागत घटाने की बजाय सरकार लागत बढ़ाने पर तुली है और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने से भी बच रही है। मूंग का ना तो पूरा उत्पादन खरीदा गया है ना ही उसके भुगतान किसान को समय पर  प्राप्त हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में एनपीके की ₹700 की बोरी मध्य प्रदेश के विपणन संघ द्वारा 1550 तक बढ़ा देना किसान के ऊपर जजिया कर लगाने जैसा है। इसी तरह अमोनियम फास्फेट की 1000 की बोरी अब 1225 में उपलब्ध होगी ।

बिजली की कीमतें पहले ही बढ़ाई जा चुकी हैं और किसानों की सब्सिडी पर कटौतियाँ की जा रही हैं। सरकार को बताना चाहिए कि क्या यह कदम सरकार की किसान हितैषी नीति का हिस्सा है या किसान विरोधी नीति का ।

गुप्ता ने कहा कि किसानी को मारने से पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी और जब गांव की आय घटेगी तो गांव पर जिंदा शहरों की भी आय घटेगी। किसानों के समर्थन के नारे लगाकर पीछे से किसानों का गला घोटने की नीति समाप्त होनी चाहिए। सरकार तत्काल एनपीके खादों की बड़ी हुई कीमतें वापिस ले ।

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