मुख्यमंत्री चौहान ने की केन्द्रीय विद्युत मंत्री सिंह से मुलाकात

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भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से मुलाकात कर प्रदेश में हरित ऊर्जा विशेषकर सौर ऊर्जा क्षेत्र में उठाये गये कदमों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री से केन्द्र सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आर.डी.एस.एस.) पर भी विस्तार से चर्चा की।

 मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि नीमच और आगर सौर ऊर्जा संयंत्रों में 2 रूपये 14 पैसे प्रति यूनिट की दर प्राप्त हुई। संयंत्रों का जल्द ही भूमि-पूजन किया जाना है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को ऊर्जा संयंत्रों के निरीक्षण के लिए आमंत्रित भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में 300 सौर्य दिन मिलते हैं। इसमें मध्यप्रदेश तेजी से सौर ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट और छतरपुर तथा मुरैना के सौर ऊर्जा प्लांट के प्रस्ताव के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रीवा का 750 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र दिल्ली मेट्रो को भी बिजली दे रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में पवन ऊर्जा, हाईब्रिड ऊर्जा और हरित ऊर्जा के भण्डारण की जानकारी भी दी। उन्होंने कुसुम योजना में किसानों द्वारा अपने खेतों में सौर ऊर्जा उपकरणों और पम्पों को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे प्रयासों को भी बताया।

आर.डी.एस.एस. ऊर्जा क्षेत्र की क्रांतिकारी योजना

मुख्यंमंत्री  चौहान ने बताया कि केन्द्र सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आर.डी.एस.एस.) ऊर्जा क्षेत्र की एक क्रांतिकारी योजना है। मध्यप्रदेश स्मार्ट मीटर अपनाने में अच्छी प्रगति कर रहा है। राज्य में लगभग 1.2 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं और 3.5 लाख मीटर लगाने का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में 23.7 लाख मीटर की खरीद और स्थापना की प्रक्रिया उन्नत चरण में है।  मुख्यमंत्री चौहान ने योजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य की अर्थ-व्यवस्था पर पड़े गंभीर प्रभाव से वितरण कम्पनी की बकाया सबसिडी के अग्रिम भुगतान के लिए राज्य को कम से कम दो साल का समय दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने शासकीय विभागों  द्वारा वितरण कम्पनी की बकाया राशि के भुगतान को एक किश्त की बजाय तीन किश्त में किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार वितरण कम्पनी द्वारा प्रत्येक तिमाही में गैर अंकेक्षित खातों के प्रकाशन की आवश्यकता को शिथिल करते हुए योजना के पहले वर्ष के लिए वैकल्पिक बनाये जाने पर विचार किया जाना उचित होगा।

मुलाकात के दौरान केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री कृष्णपाल एवं प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।      

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