उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी

0
51

लखनऊ
 दुनियाभर में हलचल मचाने वाले मंकीपॉक्स ने अब भारत की भी चिंता बढ़ा दी है हालांकि अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन  देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है वहीं राज्य के सभी अस्पतालों में एडवाइजरी जारी कर दी गई है।  

  उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया है। जारी की गई इस एडवाइजरी में इस बीमारी के लक्षणों के संबंध में जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में ये निर्देश दिए गए हैं कि बुखार और शरीर पर चकत्ते हों तो संबंधित मरीज की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के साथ साझा की जाए। मंकीपॉक्स पीड़ितों में ये लक्षण दो से चार हफ्ते तक रहते हैं।
 

जानकारों के अनुसार, मंकीपॉक्स के वायरस त्वचा, मुंह, आंख और नाक से मानव शरीर में प्रवेश करता है और पूरे शरीर को अपने कब्जे में ले लेता है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स के लगभग 200 मामलों की अब तक पुष्टि हो चुकी है। उधर, भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रान हेल्थकेयर ने शुक्रवार को मंकीपाक्स यानी आर्थोपॉक्सवायरस वायरस का पता लगाने के लिए एक रियल-टाइम आरटी-पीसीआर (RT-PCR) किट विकसित करने की घोषणा की है।

क्या है एडवाइजरी?

एडवायजरी में स्वास्थ्य अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करने का निर्देश दिया गया है. एक वरिष्ठ के मुताबिक संदिग्ध मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहने की जरूरत है, जबतक कि उन्हें रैशेज वाली जगह पर नई त्वचा न मिल जाए या डॉक्टर आइसोलेशन खत्म करने की सलाह न दें. एडवायजरी में यह भी निर्देश दिया गया है कि बुखार और शरीर पर चकते होने पर संबंधित मरीज की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय संग साझा की जाए.

एडवायजरी में कहा गया है कि मंकीपॉक्स के मरीजों में अधिकांश बुखार, चकते और सूजी हुई लिम्फनोड्स जैसे लक्षण पाए जाते हैं. मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित बिमारी है. इसके लक्षण सामान्यत: दो से चार सप्ताह तक दिखाई देते हैं. हालांकि अगर कोई पहले से किसी रोग से जूझ रहा है तो वह इससे गंभीर रूप से बीमार हो सकता है. इस बीमारी में मृत्युदर 1-10 प्रतिशत तक हो सकती है. वहीं मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैल सकता है.  219 संक्रमण के मामले, जानें क्या हैं लक्षण

कैसे फैलती है बीमारी

बता दें कि यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति या उसके कपड़ों, चादर इत्यादि के संपर्क में आने से फैलता है. लेकिन अभी तक यौन जनित संक्रमण का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है. चेचक के खिलाफ टीके मंकीपॉक्स को रोकने में प्रभावी है. इसके लिए कुछ एंटीवायरल दवाएं विकसित की जा रही हैं.
मंकीपॉक्स के लक्षण?

बता दें मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में लक्षण दिखने में 5 से 21 दिन का समय लगता है. संक्रमितों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट के लक्षण शामिल हैं. बता दें कि संक्रमित व्यक्ति में एक से 5 दिन के अंदर चेहरे पर दान दिखाई देने लगते हैं. वहीं दानें कभी कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित होते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here