UN सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अमेरिका करेगा समर्थन, बाइडेन ने किया समर्थन का ऐलान

0
113

 
वॉशिंगटन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर बाइडेन सरकार की भी मंशा अब पूरी तरह से साफ हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता मिले, इस बात का वो समर्थन करते हैं। अब तक अमेरिका के नये बाइडेन प्रशासन को लेकर साफ नहीं हो पाया था कि वो भारत का समर्थन करते हैं या नहीं।
 
बाइडेन ने किया समर्थन का ऐलान
दरअसल, अभी तक बाइडेन प्रशासन के कुछ नेताओं ने भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर कुछ ऐसी बातें कहीं थी, जिससे बाइडेन प्रशासन की प्रतिबद्धता को लेकर संदेह हो गया था। पिछले कई सालों से अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता मिले। लेकिन, चीन द्वारा बार बार अड़ंगा लगाने की वजह से भारत को यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सदस्यता नहीं मिल पाती है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भी खुलकर भारत का समर्थन किया था और अब जाकर बाइडेन प्रशासन ने भी अपनी मंशा जाहिर कर दी है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी समस्यता मिले, इस दावे का समर्थन करते हैं।
 
ओबामा और ट्रंप का भी मिला था साथ
भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए, और सुरक्षा परिषद में पांच की बजाए 6 सदस्य होने चाहिए, इसका समर्थन ओबामा प्रशासन के अलावा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भी किया था। लेकिन, अमेरिका की तरफ से हमेशा शर्तों के साथ भारत को शामिल करने की मांग की गई है, जिसमें अमेरिका की तरफ से कहा जाता रहा है कि वो वीटो के विस्तार का समर्थन नहीं करेगा। पूर्व अमेरिकी सरकारों ने इसके पीछे पाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, इटली और अर्जेंटीना द्वारा असहमत होने का हवाला दिया था। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पॉवर का अधिकार सिर्फ अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के पास है, और ये देश नहीं चाहते हैं कि भारत को भी ये अधिकार दिया जाए।

 
संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के साथ ही भारत इसके संस्थापक सदस्यों में से एक रहा है, लेकिन भारत को आज तक स्थायी सदस्यता से दूर रखा गया है और भारत ने हमेशा से मांग की है कि भारत को ना सिर्फ स्थायी सदस्य बनाया जाए, बल्कि भारत को वीटो पॉवर के इस्तेमाल का भी अधिकार मिले। भारत अब तक आठ बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य रहा है और ऐसा पहली बार हुआ है, जब अस्थाई सदस्यता के इस कार्यकाल में पहली बार भारत को अगस्त महीने में अध्यक्ष पद की कुर्सी दी गई थी। भारत का कहना है कि वो विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और जल्द ही विश्व में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा, लिहाजा भारत को यूएनएससी की स्थायी सदस्यता प्राप्त करने का बुनियादी कारण है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here