जनभागीदारी से बनेंगे अमृत सरोवर धरोहर

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रायपुर
अमृतमय वर्षा जल को सहेजने के उद्देश्य से शुरू किए गए मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम) के माध्यम से प्रत्येक जिले में कम से कम 75 सरोवरों (तालाबों) का निर्माण या पुनरुद्धार किया जा रहा है। जनभागीदारी से इन्हें धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक सरोवर के लिए उपभोक्ता समूह (यूजर ग्रुप) का गठन किया जाएगा, जिस पर सरोवर के जल के उपयोग और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। मनरेगा राज्य कार्यालय द्वारा इस सम्बन्ध में अनुपूरक परामर्श (्रस्र1द्बह्यशह्म्4) संबंधी परिपत्र सभी जिलों के कलेक्टर-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयक को जारी किया गया हैं। भारत सरकार द्वारा मिशन अमृत सरोवर के लिए जारी दिशा-निदेर्शों के अनुक्रम में यह परिपत्र जारी किया गया है।

मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुकहक ने बताया कि मिशन अमृत सरोवर में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने और सम्पूर्ण प्रक्रिया के दस्तावेजीकरण के लिए अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निदेर्शों के अनुसार प्रत्येक अमृत सरोवर के लिए एक 'जल उपभोक्ता समूह' का गठन किया जाएगा। यह समूह सरोवर के निर्माण की अवधारणा से लेकर उसके पूरा होने और बाद में उसके उपयोग तक परियोजना से जुड़ा रहेगा। इस उपभोक्ता समूह पर वृक्षारोपण सहित अमृत सरोवर के उपयोग और रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। उपभोक्ता समूह द्वारा प्रत्येक मानसून के बाद स्वेच्छा से सरोवर के जलग्रहण क्षेत्र से गाद हटाने का कार्य किया जाएगा। अमृत सरोवर के निर्माण के लिए प्राप्त लोगों के सहयोग (योगदान) और दान (श्रम, सामग्री, मशीन) के विवरण को सूचीबद्ध कर उसे नागरिक सूचना पटल के निकट एक अलग सूचना पटल स्थापित करते हुए प्रदर्शित किया जाएगा।

अमृत सरोवर का दस्तावेजीकरण वीडियो और लेखन (राइट-अप) प्रारूप, दोनों में तैयार किया जाएगा। दस्तावेजीकरण में जन जागरूकता, स्थल चयन, आधारशिला (नींव) रखना, कार्यान्वयन के चरण, जन भागीदारी, वित्तीय विवरण, अभिसरण विवरण, पानी का उपयोग (सिंचाई, जलीय जीवपालन आदि), लागत लाभ अनुपात और अमृत सरोवर के अन्य पहलुओं को शामिल किया जा सकता है।

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