कवर्धा
वनमंत्री एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के निदेर्शानुसार वन्य प्राणियों के सुरक्षा एवं उनके बचाव के लिए कवर्धा वनमंडलाधिकारी दिलराज प्रभाकर के मार्गदर्शन में जिले के वनांचल क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं। प्रभाकर ने मीडिया एडवायजरी जारी कर वन्य प्राणियों के सुरक्षा और उनके बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाए की जानकारी दी है। कवर्धा वन मंडल में इसके लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए है।
कबीरधाम जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में तेंदुआ के आवासीय क्षेत्रों में घुस जाने की या तेंदुआ के शावकों की अनाथ अवस्था में प्राप्ति की अथवा तेंदुआ की मृतक अवस्था में मिलने की सूचना वन विभाग को मिलती रहती है। विगत दिनों पंडरिया उप वन मंडल के पूर्व पंडरिया परिक्षेत्र में मादा तेंदुआ की शावकों के साथ आवासीय क्षेत्रों के आसपास उपस्थिति भी संज्ञान में आई है। जिले में, कवर्धा वन मंडल अंतर्गत वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा आमजन में जन-जागरूकता लाने के लिए शासन के समय-समय पर निर्धारित दिशा-निदेर्शों के अनुसार तेंदुआ से कैसे बचें बाबत जानकारी दी जाती रही है। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की मासिक बैठक में भी क्षेत्रीय वन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा आम जनता को वन, वानिकी सुरक्षा, परस्पर सहयोग के साथ-साथ वन्य प्राणियों से संबंधित जानकारी दी जाती है।
कबीरधाम जिले के डीएफओ दिलराज प्रभाकर ने जिले के जन सामान्य, गणमान्य व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों जिला में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों से अनुरोध करते हुए कहा कि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को वन्य प्राणी जैसे, तेंदुआ, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, बायसन, बाघ, सोन कुत्ता, भालू, जहरीले सांप या अन्य प्रकार के सांप, सियार, चीतल, बायसन, वन भैंसा, सांभर, बार्किंग डियर, नीलगाय, आदि की मानव आवासीय क्षेत्र में आ जाने की सूचना मिलती है, तो तत्काल जानकारी उपलब्ध कराएं। जिससे की वन्य प्राणी की सुरक्षा की जा सके और सफलतापूर्वक उन्हें जंगलों में वापस छोड़ा जा सके। वन्य प्राणी द्वारा जन घायल, जनहानि, फसल नुकसान, संपत्ति नुकसान जैसी अप्रिय घटना घटित होने से बचाया जा सके।