घोषणाओं की रिपोर्ट तलब कर रहा मुख्यमंत्री सचिवालय, मंत्रालय में दौड़ रही फाइलें

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भोपाल
प्रदेश के चार उपचुनाव वाले विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के विकास कार्य कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की जाने वाली घोषणाओं की फाइलें इन दिनों मंत्रालय में सरपट दौड़ रही हैं। मुख्यमंत्री इन विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में जनदर्शन और आमसभाओं के दौरान करीब सत्तर घोषणाएँ कर चुके हैं जो अलग-अलग विभागों से संबंधित हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय हर घोषणा की रिपोर्ट विभागों से तलब कर रहा है।

जनदर्शन के दौरान सीएम चौहान ने पृथ्वीपुर में तहसीलदार और जैरोन नगर पंचायत के सीएमओ को सस्पेंड किया था और पीएचई, जलसंसाधन विभाग के साथ खाद्य और नागरिक आपूर्ति, बिजली, राजस्व समेत अन्य विभागों से संबंधित घोषणाएं की थीं। इसी तरह जोबट और खंडवा लोकसभा सीट के जनदर्शन के दौरान पंधाना से शुरू किए भ्रमण के दौरान जहां भी सीएम पहुंचे हैं वहां घोषणाएं की है। यहां नई तहसील और उपतहसीलों के साथ पेयजल और सिंचाई के लिए बांधों और तालाबों के निर्माण को भी उन्होंने मंजूरी दी है। अलीराजपुर जिले के जोबट विधानसभा में सीएम चौहान ने दर्जन भर घोषणाओं के जरिये आदिवासियों की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधा को लेकर नए ऐलान किए हैं।

रैगांव में सीएम दो दौर का जनदर्शन कर चुके हैं। पहले दौर में उन्होंने पीएचई के कार्यपालन यंत्री को चेतावनी दी थी वहीं वे कल इसी क्षेत्र में दोबारा जनदर्शन करने पहुंचे थे और 11 घोषणाएं वहां आमसभा और जनदर्शन में की हैं। मंत्रालय और सचिवालय में पदस्थ अफसर उपचुनाव वाले इन क्षेत्रों में की जाने वाली घोषणाओं का पूरा लेखा जोखा रख रहे हैं। इसकी वजह मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा संबंधित विभागों से सीएम की घोषणा के मद्देनजर शुरू किए गए कामों और क्रियान्वयन की रिपोर्ट तलब करना है। मंत्रालय अफसरों के मुताबिक अब तक मुख्यमंत्री सत्तर से अधिक घोषणाएं इन क्षेत्रों में अलग-अलग चुनावी दौरों में कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा सीएम की घोषणाओं के क्रियान्वयन की रिपोर्ट विभागों से पांच से सात दिन में मांगी जा रही है। इसे देखते हुए विभागों के प्रमुख अभियंता, सचिव और आयुक्तों द्वारा संबंधित जिलों के अधिकारियों से फीडबैक पांच दिन या उसके पहले मांगा जा रहा है ताकि सचिवालय को जानकारी भेजी जा सके। जल संसाधन, पीएचई, नगरीय विकास समेत अन्य विभागों ने पहले दौर के जनदर्शन और आमसभाओं की रिपोर्ट 27 सितम्बर तक शासन को भेजने के निर्देश संबंधित जिला अधिकारियों को दिए हैं।

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