नि:शुल्क कोचिंग और मार्गदर्शन से नगर की दिव्या वैद्य का चयन पीएससी में

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गरियाबंद
जिला प्रशासन द्वारा संचालित रत्नगर्भा अकादमी फॉर कॉम्पिटिटिव एग्जाम रेस से अब प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना पूरा हो रहा है। कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा विगत वर्ष छत्तीसगढ़ पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा एवं मेंस की तैयारी हेतु 60 दिवसीय नि:शुल्क क्रेश कोर्स डिजाइन किया गया था। जिसका सुखद परिणाम सामने आ रहे है। नगर की कुमारी दिव्या वैद्य का चयन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग-2019 में हुआ है। गत दिनों जारी परीक्षा परिणाम में दिव्या को ओवरआॅल 251 रैंक हासिल हुआ है। वही कैटेगिरी रैंक में उन्हें 16वीं रैंक प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि उसे भू-अभिलेख शाखा में सहायक अधीक्षक के पद पर नियुक्ति मिलेगी। दिव्या ने जिला प्रशासन द्वारा संचालित रत्नगर्भा अकादमी रेस में मिले मार्गदर्शन को इस सफलता के लिए श्रेय दिया है। ्र

उन्होंने कहा कि हालाकि वे 2019 से ही परीक्षा की तैयारी कर रही थी, लेकिन दिसम्बर 2020 में संचालित नि:शुल्क कोचिंग में अध्ययन के पश्चात आत्मविश्वास मजबूत हुआ। कलेक्टर श्री निलेश क्षीरसागर, तत्कालिन जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रकांत वर्मा, डिप्टी कलेक्टर सुश्री रूचि शर्मा, श्रीमती शीतल बंसल और विषय विशेषज्ञों के निरंतर मार्गदर्शन और अध्ययन विधि से तैयारी में मदद मिली। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता सहित रत्नगर्भा अकादमी को दिया है। ज्ञात है कि कलेक्टर श्री क्षीरसागर द्वारा वनांचल क्षेत्र के युवाओं में लगन और प्रतिभा को देखते हुए उन्हें उचित अवसर और प्लेटफार्म उपलब्ध कराने शासकीय वीर सुरेन्द्र साय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय गरियाबंद के परिसर में रत्नगर्भा अकादमी फॉर कॉम्पिटिटिव एग्जाम रेस स्थापित कर नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई। सीजीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी हेतु 60 दिवसीय क्रेस कोर्स दिसम्बर 2020 से कोर्स प्रारंभ किया गया। कोर्स अंतर्गत प्रत्येक रविवार को टेस्ट और तीन मेगा टेस्ट का आयोजन भी किया गया। कोर्स अंतर्गत सीजीपीएससी के निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार इतिहास, गणित, संविधान, पंचायतीराज प्रशासनिक व्यवस्था, भूगोल, अर्थशास्त्र, रिजनिंग, विज्ञान, कला संस्कृति, विविध, हिन्दी विषय शामिल किये गये। साथ ही रिविजन और अभ्यास के लिए भी समय निर्धारत किया गया। प्रत्येक सप्ताह इन अलग-अलग विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया। रत्नगर्भा अकादमी में लगभग 300 परिक्षार्थियों ने तैयारी की। इनमें से 10 युवाओं का चयन प्रारंभिक परीक्षा में और 5 युवाओं का चयन मुख्य परीक्षा के लिए हुआ था। 

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