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सीएम कर सकते हैं किसानों के हित में नई घोषणा, भोपाल में केंद्रीय कृषि मंत्री

भोपाल
सात अक्टूबर तक चलने वाले जनकल्याण और सुराज अभियान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज अलग-अलग विभागों से संबंधित योजनाओं में होने वाले कार्यों का लोकार्पण और हितग्राहियों को लाभ दिलाने के लिए राशि ट्रांसफर कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसानों को लेकर संवेदनशील सीएम चौहान आज बीज ग्रामों की शुरुआत कार्यक्रम के जरिये करने वाले हैं। इसमें किसानों के लिए नई योजना भी सामने आ सकती है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गुरुवार को प्रदेश में बीज ग्रामों का शुभारंभ करेंगे। जनकल्याण और सुराज अभियान के अंतर्गत किसानों के कल्याण को लेकर होने वाले कार्यक्रम में किसान उत्पादक संगठनों के गठन की कार्यवाही भी की जाएगी। मिटों हाल में होने वाले वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल समेत कृषि विभाग के अफसरों की मौजूदगी होगी। इस मौके पर किसानों के हित में नई घोषणा भी सीएम कर सकते हैं।  सीएम चौहान द्वारा बीज ग्रामों का शुभारंभ करने से प्रदेश के लाखों किसान लाभांवित होंगे। मुख्यमंत्री चौहान और केंद्रीय मंत्री तोमर किसानों को नि:शुल्क बीज मिनीकिट वितरण के साथ कृषि अधोसंरचना निधि में राशि का वितरण करेंगे।

साथ ही किसान उत्पादक संगठनों को सहायता प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 71वें जन्म-दिन के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में लाखों किसानों को लाभांवित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के बीज ग्रामों का शुभारंभ होगा।  इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल ग्रामों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।  इसमें प्रत्येक बीज ग्राम में 50 हितग्राही किसानों को खाद्यान्न, दलहन एवं तिलहन फसलों की नवीन किस्मों के प्रमाणित एवं उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।

10 जिलों में बीज ग्राम चयनित किए गए हैं। इसमें शाजापुर जिले में 9, उज्जैन में 8, होशंगाबाद, सीहोर, विदिशा और सिवनी में 7-7 ग्राम, राजगढ़ और बड़वानी 8-8 तथा हरदा के 10 ग्राम हैं। बीजों के मिनीकिट में सरसों समस्त जिलों में, मसूर 32 जिलों में और अलसी के बीज मिनीकिट 18 जिलों में वितरित किए जाएंगे। बीज मिनीकिट में उच्च उत्पादन किस्मों के बीज होंगे। इनसे कृषक नवीन किस्मों को अपनाए जाने के लिए प्रेरित होंगे। नवीन किस्मों के प्रमाणित बीज सीधे कृषकों तक पहुंचेंगे जिसका लाभ किसानों को अधिक से अधिक होगा।

समारोह में कृषि अधोसंरचना निधि में हितग्राहियों को कस्टम हायरिंग/प्रायमरी प्रोसेसिंग सेन्टर इत्यादि के संचालन के लिए स्वीकृति-पत्र वितरित किए जाएंगे। एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड स्कीम (एआईएफ) अंतर्गत 7440 करोड़ से 12 हजार करोड़ रुपए तक की वित्तीय सुविधा का आवंटन मध्यप्रदेश को भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की मंशानुरूप किसानों की आय को बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठनों का भी गठन किया जाएगा। इसमें नाबार्ड से 31 एसएफएसी में 20 और एनसीडीसी व एफडीआरव्हीसी में 10-10 कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन होगा।