6 राज्यों के आदिवासी युवाओं से सीएम का संवाद, पलायन रोकने आदिवासियों को ट्रेनिंग…

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भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गांवों में पलायन की स्थिति बनने से गांव में काम करने वाले लोग नहीं हैं। कुशल कारीगरों की कमी हो गई है। हमें काम करने वाले लाखों युवाओं की जरूरत है। यहां जो बच्चे टेÑनिंग करने आए हैं, उन्हें सरकार ग्रामीण इंजीनियर बनाएगी। प्रशिक्षण देने के साथ काम भी देगी। सीएम चौहान ने ये बातें राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में क्रिस्प द्वारा आयोजित टेÑनिंग कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन समाज के इन्वाल्वमेंट के कारण ही आता है। आज स्थिति यह है कि डिग्री लेने के बाद डॉक्टर गांव में काम नहीं करना चाहते हैं जबकि हम उनकी आठ-आठ लाख रुपए फीस भर रहे हैं।

गांव के साथ संस्कृति, परंपरा भी छूटती है: समीर
कार्यक्रम में राष्टÑीय जनजातीय मोचा के अध्यक्ष समीर उरांव ने कहा कि गांव से पलायन इसलिए भी रोकना जरूरी है क्योंकि गांव छोड़ने के साथ हमारी संस्कृति, परंपरा, विश्वास भी छूटता है जो ग्रामीण विकास के लिए उचित नहीं है। इसे रोकने के लिए देश भर में 15 क्लस्टर बनाए गए हैं जो संकुल के माध्यम से प्रशिक्षण देने और संकुल क्षेत्र में ही काम के अवसर देने का काम करेंगे। इस कार्यक्रम को प्रदेश की कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी संबोधित किया।

समाज और योजनाओं को नजदीक लाना चाहिए: बीएल संतोष
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि गांवों में पलायन रोकने के लिए पहला चरण आज दृश्य रूप में सामने है। इसके लिए सांसद, प्रशासन के अधिकारी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कई बार ठेकेदार चलाते हैं। सरकार नहीं चलाती है। इसलिए समाज और योजनाओं को नजदीक लाना चाहिए। उन्होंने कनेक्ट विद सोसायटी और एडमिनिस्टेÑशन को बढ़ावा देने का जिक्र करते हुए टेÑनिंग के लिए आए युवाओं को बधाई दी और कहा कि गांवों में बदलाव दिखाना है चुनौतियों का सामना करके काम करना है तभी पलायन रोका जा सकेगा। पलायन रोकना भाषण का विषय नहीं है बल्कि कुछ करके दिखाने का विषय है। उन्होंने कहा कि गांव में फाइनेंसियल सिक्योरिटी मिले और सुविधाएँ मिलें तो पलायन रुक जाएगा। जो युवा टेÑनिंग के लिए आए हैं, उन्हें ग्राम पंचायत से जोड़कर उनके उत्पादों को सरकार को बढावा देने का काम करना होगा।

जनजातीय युवाओं के लिए संसदीय संकुल परियोजना
क्रिस्प के एमडी डॉ. श्रीकांत पाटिल ने बताया कि कौशल एवं उद्यमिता मंत्रालय एवं राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सहयोग से जनजातीय युवाओं के लिए संसदीय संकुल परियोजना का शुभारंभ किया जा रहा है। इस परियोजना में ग्रामीण जनजातीय युवाओं का पलायन रोकने के लिए उनको तकनीकी प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। इसके चलते प्रयोग के तौर पर देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में इस प्रायोगिक परियोजना के सफल संचालन के बाद यह परियोजना पूरे भारत में कार्यान्वित की जाएगी।

मांदल की थाप पर नाचे शिवराज
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे सीएम शिवराज, बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के कुशाभाऊ सभागार पहुंचने पर उनका आदिवासी परम्परा के अनुसार स्वागत किया गया। इस दौरान आदिवासियों द्वारा बजाए जा रहे मादल में सीएम भी शामिल हुए और मांदल बजाते हुए आदिवासियों के साथ थिरके।

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