गहलोत सरकार की कथनी और करनी में अंतर, 2023 में विदाई तय: सुधांशु त्रिवेदी

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जयपुर
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। साल, 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत सरकार की विदाई तय है। रविवार को जयपुर भारत विकास परिषद के एक कार्यक्रम में त्रिवेदी ने कहा कि सीएम गहलोत पिछले दिनों बार-बार दिल्ली गए, लेकिन उन्होंने वहां प्रदेश के विकास की कोई बात नहीं की।

राजस्थान में कानून व्यवस्था की हालत काफी खराब
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत काफी खराब है, लेकिन सीएम हर बाद जब प्रदेश में सांप्रदायिक घटना होती है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शांति की अपील करने को कहते हैं। कानून व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन कानून व्यवस्था संभालना सीएम गहलोत के बस की बात नहीं है। यदि वे कानून व्यवस्था नहीं संभालपा रहे हैं तो केंद्र को इस संबंध में प्रस्ताव भेजे तो विचार किया जा सकता है।

सिर काटने जैसी घटनाओं पर नहीं बोलते अशोक गहलोत
उन्होंने कहा कि जयपुर में कुछ महीनों पहले महंगाई के खिलाफ रैली हुई, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने इस रैली में महंगाई के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। केवल हिंदू और हिंदुत्व पर भाषण दिए थे। कांग्रेस समाज के विभिन्न वर्गों में वैमनस्यता पैदा कर रही है। प्रदेश में सिर काटने जैसी घटनाएं होती हैं तो गहलोत कुछ भी नहीं बोलते हैं। उन्होंने कहा कि देश प्रगति कर रहा है। एक समय था जब उत्तर प्रदेश में कट्टा (हथियार) बनता था, लेकिन अब मिसाइल बन रही है। त्रिवेदी ने यहां पत्रकारों से भी बात की।

कोटा में पीएफआइ की रैली की अनुमति पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) ऐसा संगठन है, जो दो से तीन बार अपना नाम बदल चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यह व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है कि संगठनों के स्थान पर व्यक्ति को आतंकवाद के लिए नियत किया जा सके, क्योंकि लोग संगठन बदलकर अपना रास्ता बदल लेते हैं। उन्होंने कोटा में पीएफआई की रैली को प्रदेश सरकार द्वारा दी गई अनुमति पर भी सवाल उठाए।

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