कोरोना प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है डिजिटल हेल्थ की

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  • मेडिकल प्रेक्टिस में पारदर्शी व्यवस्था बनाने में सहायक है डिजिटल हेल्थ इनोवेशन
  •  डिजिटल हेल्थ एंड इनोवेशन पर हुई संगोष्ठी

भोपाल
डिजिटल हेल्थ
संसाधनों के उपयोग का विस्तार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायक है। डाटा संकलन के साथ डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन की मदद और उनके सुगम इलाज की व्यवस्था से जोड़ना जरूरी है। यह बात स्वास्थ्य  आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने डिजिटल  हेल्थ एंड इनोवेशन समिट में कही।  हेल्थ वीक में समिट का आयोजन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान मध्यप्रदेश और विश फाउंडेशन ने किया ।

स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. खाड़े ने कहा कि डिजिटल हेल्थ के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन और उनका क्रियान्वयन मेडिकल प्रेक्टिस में पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने में सहायक होगा।

एम्स भोपाल के डीन डॉ. राजेश मलिक ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने डिजिटल हेल्थ की असली ताकत को पहचाना है। यह अब स्थापित हो गया है कि डिजिटल हेल्थ से दूर नहीं रहा जा सकता। रोगियों की यूनिक आईडी बनाने और बायोमैट्रिक सिस्टम का विस्तार करने की आवश्यकता है। मोबाइल और सेंसर आधारित हेल्थ टेक्नोलॉजी से रोगों की परीक्षण प्रक्रिया को सरल और व्यापक बनाने में मदद मिलेगी।

अटल बिहारी वाजपेई सुशासन संस्थान के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश कुमार ने संगोष्ठी में डिजिटल हेल्थ से जुड़ें शासकीय प्रयासों की जानकारी दी। आयुष्मान मध्यप्रदेश के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग चौधरी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से डिजिटल सेवाओं के विस्तार में मदद मिलेगी। विश फाउंडेशन के सीनियर डायरेक्टर डॉ. राजेश खन्ना ने सशक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, विशेषीकृत स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था विकसित करने की आवश्यकता बताई। संगोष्ठी में डिजिटल हेल्थ के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के संबंध में भी  जानकारी दी गई।

संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रतिनिधि, जिला चिकित्सालयों के डॉक्टरों सहित टाटा ट्रस्ट और अन्य विकास संस्थाओं के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

 

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