नई दिल्ली
महामारी के बाद ई-कॉमर्स क्षेत्र ने भारत के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में इंटरनेट आैर स्मार्टफोन के विस्तार से ई-कॉमर्स क्षेत्र को मजबूती मिली और रोजगार की संभावनाएं पैदा हुईं।
एआईएमए राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन में दास ने कहा, कोविड-19 के दौरान कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम जैसी व्यवस्था से यह दिखा दिया कि बिना ज्यादा खर्च के भी उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच से ई-कॉमर्स व डिजिटल बाजार को तेज रफ्तार मिली है। आगे भी इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर रोजगार और उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और विकास दर को गति देने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाना सबसे ज्यादा जरूरी है। मौजूदा सरकार ने इस दिशा में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के जरिये बड़ा कदम उठाया है। विनिर्माताओं को इसका लाभ उठाना चाहिए और अपनी क्षमता बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान की मूल उद्देश्य ही विनिर्माण को बढ़ावा देना है, ताकि हम आयात पर निर्भरता घटा सकें।
गवर्नर ने कहा कि दो साल से पूरी दुनिया पर छाई कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ी है। भारत जैसी उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देश इससे बहुत प्रभावित हुए, लेकिन अब दुनिया इस दबाव से बाहर आ रही है। हमें सतत विकास हासिल करने के लिए ढांचागत निवेश और श्रम बाजार में बड़े सुधार की जरूरत है। इससे रोजगार और आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
दास के अनुसार, महामारी के बाद स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा। साथ ही रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए डिजिटल और फिजिकल ढांचा तैयार करने पर भी जोर देना होगा। अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए निजी खपत सबसे जरूरी घटक है। वित्तीय तंत्र में ढांचागत सुधारों और निवेश के जरिये नए अवसर पैदा करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बनाने के लिए भी सरकारों को प्रयास करना होगा।