EOW का भोपाल में सहारा मुख्यालय पर छापा

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भोपाल

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) जबलपुर की टीम ने सोमवार को भोपाल में सहारा इंडिया के मुख्यालय पर छापा मारा। सहारा के खिलाफ दर्ज 3 मामलों में निवेशकों के दस्तावेज जब्त करने पहुंची। इससे करीब 11 दिन पहले टीम ने जबलपुर और कटनी समेत तीन जगहों पर दबिश दी थी। अब तक 25 हजार से अधिक निवेशकों के 250 करोड़ रुपए फंसे होने की जानकारी मिली है। तय समय के बाद भी भुगतान नहीं होने के कारण FIR की गईं हैं।

EOW टीआई एसएस धामी ने बताया कि जबलपुर में दर्ज धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए सोमवार सुबह टीम भोपाल पहुंची। भोपाल के एमपी नगर में सहारा का मुख्यालय है। मामले से जुड़े निवेशकों में से कुछ के दस्तावेज भोपाल मुख्यालय भेज दिए गए थे। उन्हीं के दस्तावेज जब्त करने टीम भोपाल आई है। मुख्यालय में संबंधित निवेशकों के दस्तावेज जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। यहां अन्य कोई कार्रवाई अभी नहीं की जाना है।

जबलपुर में सुब्रत राय को बनाया गया आरोपी

EOW अधिकारियों के मुताबिक जबलपुर में पहली बार सहारा प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जबलपुर सहित अन्य जिलों में निवेशकों द्वारा करोड़ों रुपए जमा किए थे कि मैच्योरिटी टाइम पूरी होने पर ब्याज सहित रुपए मिलेंगे। अन्य निवेशकों की शिकायत को भी जांच में शामिल किया गया है। ये संख्या 25 हजार तक पहुंच चुकी है।

लोकल पुलिस और भोपाल EOW से मदद नहीं ली

EOW एसपी भोपाल राजेश मिश्रा ने बताया कि जबलपुर EOW की टीम ने हमारी टीम से कोई संपर्क नहीं किया है। इस कारण अभी तक कोई भी अधिकारिक जानकारी इस संबंध में नहीं है। इस कारण इस पर कुछ भी बोलना सही नहीं होगा।

11 दिन पहले 3 FIR दर्ज हुईं

जानकारी के अनुसार 3 सितंबर को तीन एफआईआर गोरखपुर, रांझी और कटनी सहारा ब्रांच के मामले में दर्ज की गई थीं। इसमें सहारा ग्रुप के डायरेक्टर सुब्रत राय सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। 38 निवेशकों के 38 लाख रुपए की जांच मौजूदा समय में 25 हजार निवेशकों के 250 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

भुगतान समय पूरा होने के बाद भी नहीं हुआ

टीआई एसएस धामी की टीम ने जबलपुर में रांझी व गोरखपुर ब्रांच में तो डीएसपी मंजीत सिंह की अगुवाई में एक टीम कटनी ब्रांच में दबिश देने पहुंची थी। तीनों ही ब्रांच में ऐसे निवेशकों के दस्तावेजों की जांच की गई थी, जिसकी मैच्योरिटी हो चुकी है। बैंकों से उनके दस्तावेज जब्त किए गए थे, लेकिन कुछ दस्तावेज मुख्यालय भेजे जाने की जानकारी भी मिली थी।

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