Udhyog Hakikat

चारधाम यात्रा के लिए पहाड़ के ड्राइवरों की भी ‘परीक्षा’

 देहरादून 
 चारधाम यात्रा के लिए पहाड़ के ड्राइवरों को भी ‘परीक्षा’ देनी पड़ रही है। इनसे हिल इंडोर्स डीएल मांगा जा रहा है। इसके बिना चारधाम जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ ने स्थानीय ड्राइवरों के लिए हिल इंडोर्स की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। कॉमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड जरूरी है। इसके लिए डीएल हिल इंडोर्स होना चाहिए। पहले ड्राइवरों को आरटीओ दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे, अब यह सुविधा ऑनलाइन है। साइट पर वीडियो देखने के बाद 15 अंकों का टेस्ट होता है। पास होने वालों को हिल इंडोर्स दिया जाता है। मगर, उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। 

केस-1: मैक्सी ड्राइवर मुकेश लखेड़ा रिस्पना टैक्सी स्टैंड से जुड़े हैं। यहां से उनकी मैक्सी कभी पौड़ी-चमोली तो कभी टिहरी, उत्तरकाशी के दूरस्थ क्षेत्रों तक जाती है। अब चारधाम यात्रा पर जाने के लिए उन्हें डीएल हिल इंडोर्स करवाना पड़ रहा है।

केस-2: सुधीर मैक्सी ड्राइवर हैं। देहरादून से पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग की सवारी ले जाते हैं। पहाड़ की सड़कों पर गाड़ी चलाने का लंबा अनुभव है। कई बार चारधाम भी जा चुके हैं, लेकिन अब चारधाम यात्रा पर जाने के लिए डीएल, हिल इंडोर्स करवाना पड़ रहा है।
 
जो ड्राइवर पहाड़ों पर लंबे समय से गाड़ी चला रहे हैं, उनके लिए हिल इंडोर्स का कोई औचित्य नहीं है। इस बारे में परिवहन सचिव से मुलाकात हुई है। हमने स्थानीय ड्राइवरों के लिए हिल इंडोर्स की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। 
सुंदर सिंह पंवार, अध्यक्ष-उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ

नियमावली में है व्यवस्था
हिल इंडोर्स कॉमर्शियल वाहन चालकों के लिए जरूरी है। यह नियमावली में है। शासन के स्तर से इसमें बदलाव हो सकता है। हमें नियमों का पालन करवाना है। हिल इंडोर्स के बिना ग्रीन कार्ड नहीं बन सकता।
दिनेश पठोई, आरटीओ (प्रशासन)-देहरादून