आंगनवाड़ी मानदेय घोटाले में 94 अधिकारी के खिलाफ FIR

0
123

भोपाल
 सन 2017 में प्रमाणित हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय घोटाले में सीएम सचिवालय के सक्रिय होने के बाद जहांगीराबाद थाने में 94 अधिकारी कर्मचारी एवं संबंधित हो खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के 14 जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय घोटाला जांच के दौरान पकड़ा गया था।

भोपाल के 5 अधिकारी और पांच बाबुओं के खिलाफ FIR पहले ही हो चुकी है
इसके पहले राजधानी भोपाल के आठ बाल विकास परियोजना अधिकारी और पांच लिपिकों के खिलाफ एफआइआर कराई जा चुकी है, पर संबंधितों से अब तक पुलिस ने पूछताछ भी शुरू नहीं की है। वर्ष 2017 में सामने आए इस मामले में अकेले भोपाल में साढ़े छह करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के फंदा, बाणगंगा, मोतिया पार्क, चांदबड़, बरखेड़ी, गोविंदपुरा, बैरसिया और चूनाभट्टी बाल विकास परियोजना के तत्कालीन अधिकारियों, लिपिकों एवं जिले के अधिकारियों ने मिलकर सरकार को नुकसान पहुंचाया है। इन आरोपितों से पूछताछ में घोटाले की अवधि में महिला-बाल विकास संचालनालय में पदस्थ रहे कुछ अधिकारी भी जांच की जद में आ सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि घोटाले की राशि उनके परिचितों के बैंक खातों में भी जमा कराई गई है।

महिला बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय घोटाला कैसे होता था
वर्ष 2014 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को मानदेय देने के अधिकार बाल विकास परियोजना अधिकारी से छीनकर जिला परियोजना अधिकारी को दे दिए गए। फिर भी आठों बाल विकास परियोजना अधिकारी ग्लोबल बजट से राशि निकालते थे और कार्यकर्ताओं के मानदेय में समायोजित कर देते थे। जबकि, कार्यकर्ताओं को जिला कार्यालय से मानदेय का भुगतान पहले ही हो जाता था।

उपासना राय को पैसा वापस लेकर निर्दोष मान लिया
विभाग के आला अधिकारियों ने कृपा का भाव अब तक नहीं त्यागा है। घोटाले के समय राजधानी में जिला परियोजना अधिकारी रहीं उपासना राय पर 14 लाख 1450 की रिकवरी निकली थी। राय ने यह राशि सरकारी खजाने में जमा करा दी और विभाग ने उन्हें निर्दोष मान लिया। पहले उन्हें सागर पदस्थ किया और वर्तमान में मुरैना की जिला कार्यक्रम अधिकारी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here