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ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता शौकत के भड़काऊ बयान पर FIR

संभल
 
एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष  शौकत अली ने संभल में एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और साधु संतों को लेकर अमर्यादित व भड़काऊ बयान दिया। इस मामले में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के साथ ही पार्टी के जिलाध्यक्ष असद अब्दुल्ला और कार्यक्रम आयोजक चौधरी मुशीर खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

संभल के चौधरी सराय में चौधरी मुशीर खां के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि मुसलमानों ने 832 साल हुक्मरानी की तब हिंदू हमारे सामने हाथ जोड़कर जी हुजूरी करते थे। शौकत अली ने आगे कहा कि मुस्लिम अकबर ने जोधाबाई से शादी कर मलिका ए हिन्दुस्तान बनाया था। साधु-संतों को लेकर भी एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष ने अमर्यादित बयान दिया। हिजाब को लेकर शौकत अली ने कहा है कि भाजपा देश को तोड़ रही है। हिंदुत्व से नहीं संविधान से तय होगा कि कौन क्या पहनेगा। बीजेपी जब कमजोर होती हैं तो मुसलमानों के मजहबी मुद्दे ले आती है। शौकत अली ने ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले पर कहा कि कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसको सभी को मानना होगा, लेकिन 1991 के वरशिप एक्ट में पहले ही तय हो चुका है कि धार्मिक स्थल पिछली स्थिति में ही रहेंगे।

वीडियो वायरल हुआ तब दर्ज हुआ मुकदमा
एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का भड़काऊ बयान शनिवार को वायरल हुआ तो आक्रोश के साथ ही कार्रवाई की मांग भी उठने लगी। इसके बाद पुलिस ने एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हिंदू संगठन कार्यकर्ता अक्षित अग्रवाल ने शनिवार को सदर कोतवाली संभल में एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली, जिलाध्यक्ष असद अब्दुल्ला और कार्यक्रम आयोजक चौधरी मुशीर खां के खिलाफ तहरीर दी। कहा कि चौधरी मुशीर खां के आवास पर आयोजित बैठक में असद अब्दुल्ला की मौजूदगी में एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने हिंदू धर्म, साधु संतों और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक भाषण दिया, जिससे उनकी तथा समाज के अन्य लोगों की भावनाएं आहत होने के साथ ही उनमें आक्रोश पैदा हुआ। लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची और माहौल खराब होते-होते बचा। अक्षित अग्रवाल ने शौकत अली के भाषण का वीडियो भी पुलिस को दिया। एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि अक्षित अग्रवाल की तहरीर पर शौकत अली, असद अब्दुल्ला और चौधरी मुशीर खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए और 188 के तहत मामल दर्ज किया गया है।