Udhyog Hakikat

जड़ी-बूटी वाला ये दूध

एक लंबा थका देने वाले दिन के बाद हमें एक अच्छी नींद की जरूरत होती है। रात में अच्छी नींद हमारे दिमाग और शरीर के लिए कितनी जरूरी है, सभी जानते हैं। इसलिए विशेषज्ञ भी खुद को रीचार्ज करने के लिए रात को 7-8 घंटे नींद लेने की सलाह देते हैं। हालांकि आपने रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने के आयुर्वेदिक फायदों के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन एक और तरह का दूध है, जिसे सोने से पहले अगर रोजाना पिया जाए, तो आपको सुकून की नींद आ सकती है।

हम बात कर रहे हैं 'मून मिल्क' की। यह दूध भारतीय जड़ी-बूटियों और मसालों जैसे अश्वगंधा, जायफल, हल्दी से तैयार होता है। यह न केवल हमारे दिमाग और शरीर को आराम देता है, बल्कि इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी हेल्प करता है। हल्दी के दूध की तरह ही यह भी आपके स्वास्थ्य का रामबाण इलाज है।
​पोषक तत्वों से भरपूर है मून मिल्क

यह पेय आपकी इंद्रियों को शांत करने का आदर्श तरीका है। अगर हम मून मिल्क में मिलाई जाने वाली सामग्री की बात करें, तो ये सभी जड़ी-बूटी और मसाले पोषक तत्वों से भरपूर हैं। यह आपको तनाव से दूर रखने के साथ नींद लाने के लिए बहुत अच्छे हैं।

दरअसल, रात में शरीर उस शारीरिक स्थिति में चला जाता है, जहां आंतरिक उपचार प्रक्रिया शुरू होती है। इसलिए इन पोषक तत्वों को शामिल करने से प्रक्रिया को तेज करने में मदद मिलती है।

​मून मिल्क के स्वास्थ्य लाभ

मून मिल्क , जो जड़ी-बूटियों वाला दूध है, इसमें अश्वगंधा को शामिल किया जाता है। यह जड़ी-बूटी पॉवरफुल एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों के साथ कार्डियोपल्मोनरी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। अध्ययनों में पाया गया है कि अश्वगंधा वयस्कों में तनाव और चिंता को कम करती है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। इंडियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजी मेडिसिन में प्रकाशित एक ऐसी ही स्टडी में कहा गया है कि यह तनाव में रहने वाले लोगों के सामान्य स्वास्थ्य में इंप्रूवमेंट के लिए बहुत अच्छी है।

​दूध-

सबसे पहले तो यह दूध है, तो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है ही। दरअसल, दूध में ट्रिप्टोफैन नामक एमिनो एसिड होता है, जो बेहतर नींद लाने के लिए जाना जाता है।

दूध कई आवश्यक पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम से भरपूर है। इसे पीने से शरीर में ताकत बनी रहती है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।

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​हल्दी-

मून मिल्क में मिलाई जाने वाली हल्दी एक एंटीऑक्सीडेंट, एंट इंफ्लेमट्री के अलावा इसमें इम्यूनिटी बूस्टिंग गुण पाए जाते हैं। माना जाता है कि हल्दी में कार्मेटिव इफेक्ट होते हैं, जो बेहतर पाचन और चयापचय के लिए बहुत अच्छे हैं।

बुजुर्गों को इसलिए नियमित रूप से अधिक मात्रा में करना चाहिए हल्दी और दूध का सेवन

​अश्वगंधा-

यह पांरपरिक जड़ी-बूटी सदियों से अपने औषधीय गुणों के कारण जानी जाती रही है। अश्वगंधा एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी है, जो हमारे शरीर को किसी भी तरह के तनाव और चिंता से दूर रखती है। इस जड़ी-बूटी की जड़ें आमतौर पर औषधीय बनाने के लिए इस्तेमाल होती हैं।

​जायफल-

जायफल भी एक एडेप्टोजेन है, जो हमारे शरीरर के लिए सिडेटिव का काम कर सकता है। इसके सेवन से आपको तनाव से निजात तो मिलेगी ही साथ ही नींद की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकेगा।

​मून मिल्क कैसे बनाएं-

1 कप- दूध
1 चुटकी- हल्दी
आधा छोटा चम्मच- पिसा हुआ अश्वगंधा पाउडर
आधा छोटा चम्मच- पिसी हुई दालचीनी
1 छोटा चम्मच- पिसा हुआ अदरक
1 चुटकी- जायफल
1 छोटा चम्मच- नारियल का तेल
1 चम्मच- शहद

मून मिल्क बनाने की विधि-

एक पैन में दूध को मध्यम आंच पर गर्म करें और उसमें उबाल आने दें।
इसमें अश्वगंधा, दालचीनी , अदरक , हल्दी और जायफल मिलाएं। अब गैस बंद कर दें।
5-10 मिनट के लिए मसाले को दूध में डला रहने दें।
अब इसमें नारियल का तेल डालें और अच्छी तरह से फेटें। आप चाहें, तो दूध में थोड़ी चीनी या शहद मिला सकते हैं।
अब मून मिल्क को एक कप में डालकर उसमें शहद मिलाकर रात को सोने से पहले पी लें।
अगर आप प्लांट बेस्ड डाइट पर हैं तो आप नारियल दूध, बादाम दूध, सोया दूध या अन्य किसी दूध का विकल्प भी चुन सकते हैं।
नियमित रूप से मून मिल्क पीने के बाद आप 6-12 हफ्तों के भीतर अंतर महसूस करेंगे। अश्वगंधा से बना मून मिल्क सेवन करने के लिए अच्छा है, लेकिन एक दिन में जरूरत से ज्यादा पीना हानिकारक है।