यूजी-पीजी के पंजीयन में ही विभाग ने कमा लिये आठ करोड बीस लाख

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भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 1301 निजी और सरकारी कालेजों के यूजी-पीजी कोर्स में प्रवेश कराने को लेकर आठ करोड बीस लाख रुपये कमा लिये हैं। विभाग ने छात्राओं को निशुल्क पंजीयन कराने के बाद दूसरे राउंड और सीएलसी में दो करोड से ज्यादा रुपये जमा करा लिये हैं। जहां विभाग ने दूसरे राउंड में विभाग ने विद्यार्थियों से ढाई गुना और कालेज लेवल काउसंलिंग (सीएलसी) में पंजीयन शुल्क 500 रुपये लिया है।

विभाग छात्राओं को निशुल्क पंजीयन कराने का सिर्फ ड्रामा कर रहा है। विभाग ने सिर्फ प्रथम राउंड में सौ रुपये माफ किये हैं। इसके बाद दूसरे राउंउ में ढाई गुना शुल्क 250 रुपये और सीएलसी में पांच गुना 500 रुपये ले रहा है। उच्च शिक्षा विभाग आनलाइन काउंसलिंग से आठ करोड रुपये से ज्यादा कमा चुका है। सूबे के 1301 निजी और सरकारी कालेजों के यूजी-पीजी में प्रवेश लेने के लिये छात्र-छात्राओं से फीस जमा कराई जा रही है। वर्तमान सत्र 2021-22 में प्रवेश कराने विभाग ने दो राउंड की काउंसलिंग में सवा छह करोड रुपये कमा लिये हैं। जबकि कालेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) जारी है। सीएलसी में विभाग ने सिर्फ दो करोड सिर्फ पंजीयन मात्र से कमा लिये हैं। अंतिम दौर होने के कारण ज्यादा  विद्यार्थी पंजीयन कराने सामने आ रहे हैं।

ऐसा रखा गया पंजीयन का शुल्क
सरकारी कालेजों में छात्राओं से कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में छात्रों को 100 रुपये और छात्राओं को निशुल्क रखा गया है। दूसरे राउंड में छात्र और छात्राओं को 250 शुल्क का भुगतान करना होगा। वहीं सीएलसी में 500-500 रुपये का भुगतान करने के बाद ही पंजीयन करा पाएंगे। प्रथम चरण में पंजीयन कराने के बाद विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं होने तक दोबारा पंजीयन कराने की जरुरत नहीं होती है।

ऐसे कमाये विभाग ने आठ करोड से ज्यादा
विभाग को प्रथम राउंड में दो लाख 28 हजार छात्रों के पंजीयन से दो करोड 28 लाख रुपये मिले। इसमें 2 लाख 80 हजार छात्राओं का निशुल्क पंजीयन किया गया। दूसरे राउंड में 250 रुपये के पंजीयन के हिसाब से 79 हजार छात्रों ने एक करोड 95 लाख 70 हजार और 77 हजार छात्राओं ने एक करोड 92  लाख 50 हजार रुपये विभाग को दिये। सीएलसी में यूजी और पीजी में करीब चालीस हजार पंजीयन हुये हैं। इसमें विभाग को 500 रुपय के हिसाब दो करोड और मिल गये हैं। अभी यूजी के पंजीयन आज और होंगे, जिससे उनकी संख्या बढ सकती है। विभाग को अभी तक पंजीयन से आठ करोड बीस लाख रुपये मिल चुके हैं।

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