भारतीय बौध्द महासभा ने मनाया 66 वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस

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रायपुर

भारतीय बौद्ध महासभा जिला शाखा रायपुर के तत्वाधान में देवेंद्र नगर बुद्ध विहार में 66 वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस  गरिमा पूर्वक मनाया गया। सर्वप्रथम सामूहिक बुद्ध वंदना करुणा वासनिक एवं भीम नगर महिला समिति के सदस्यों की अगुवाई में किया गया। प्रतिक्षा वैद्य ने भीम संकल्प गीत प्रस्तुत किया, इसके पश्चात सभा में उपस्थिति अतिथियों का स्वागत विभिन्न वार्ड के समाज प्रमुखो ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धम्मचारी नागमित्र ने बाबा साहेब द्वारा बौद्ध धम्म क्यों अपनाया गया विस्तार से बताया, उन्होंने ने कहा की अपने स्वयं का परिवर्तन होना ही धम्म चक्र है यह क्रांति का प्रति क्रांति है 1956 को बौद्ध धम्म की दीक्षा अपने अनुयायियों के साथ लेने पर बाबा साहेब कहा जिस कठिनाई का सामना मैंने किया। उन सब से आप सभी को मुक्त करना है पर यह तभी हो सकता हैं जब आप स्वयं बुध्द के बताये मार्ग पर चले। विशेष अतिथि एस.आर. कांडे जी बाबा साहेब के साहित्य को घर घर तक पहुंचाने की बात कही, इंजि. बिम्बिसार ने वैचारिक संगोष्ठी के महत्व के बारे में बताया। आयु. बी.एस. जागृत ने 40 बिन्दुओं के परिपालन की आवश्यकता पर जानकारी दिया। डॉ आर.के. सुखदेवे ने बौद्ध धम्म के प्रचार के लिए कार्य करने कहा। मुख्य जांच आयुक्त छ.ग. शासन आयु.दिलीप वासनिकर ने युवाओं को बाबा साहेब के विचारों को पडने पर जोर दिया। सी.डी. खोबरागड़े संस्कार प्रमुख ने बाबा साहेब की दी गयी 22 प्रतिज्ञा की शपथ दिलाई। भोजराज गौरखेड़े ने समाज में ज्ञान प्राप्ति की आवश्यकता बताया।
इस अवसर पर भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके ने आभार प्रकट किया। जिला महासचिव विजय गजघाटे ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया सहयोग भारतीय बौद्ध महासभा के विजय चौहान, मदन मेश्राम, जी एस मेश्राम, मकरंद घोडीस्वार, दिलीप मेश्राम,सुरेन्द्र गोंडाने, करुणा वासनिक, वैशाली मेश्राम, मकरंद घोडीचोर, एवं समस्त भारतीय बौद्ध महासभा के कार्यकतार्ओं ने सहयोग किया।

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