सघन सुपोषण अभियान को समन्वित प्रयासों से मिली गति – कलेक्टर

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राजनांदगांव
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित पोषण कार्यशाला में शामिल हुए। कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पोषण माह का आयोजन सफल रहा। जिले के तीन विकासखंड मोहला, मानपुर एवं छुईखदान में सघन सुपोषण अभियान चलाया गया है और जनसहभागिता से इस अभियान में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध चना, मुर्रा, गुड़, स्थानीय भाजियां बच्चों को खिलाना चाहिए, जो न केवल आसानी से उपलब्ध है बल्कि पौष्टिक और स्वादिष्ट भी है। किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को चार समय भोजन देना चाहिए। हर माता चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ हो। आवश्यकता इस बात की है कि जागरूकता लाई जाए। जिले के समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से मदद मिली है और सब ने मिलकर कदम बढ़ाए है। उन्होंने कहा कि एक साथ महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, एम्स, यूनिसेफ तथा समाजसेवियों के समन्वित प्रयासों से इस अभियान को गति मिली है। कुपोषण को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। इसके साथ ही फॉलोअप लेना भी महत्वपूर्ण है। कलेक्टर ने इस अवसर पर बच्चों के पोषण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को सम्मानित किया।

कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेणु प्रकाश ने कहा कि कलेक्टर सिन्हा ने तीन विकासखंडों में कुपोषण की स्थिति को देखते हुए वहां अतिरिक्त पोषण देने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए चार समय बच्चों को भोजन दिया जा रहा है। जिससे बच्चों के वजन में 44 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है जो कि अच्छा संकेत है। उन्होंने बताया कि पोषण के संबंध में जागरूकता लाने के लिए पोषण मेला, पोषण पंचायत के माध्यम से समुदाय को जोड़ रहे हैं। वहीं समाजसेवी संस्थाओं की विशेष सहभागिता रही है। उन्होंने प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि पोषण जागरूकता के लिए लगातार कार्यक्रम चलाए गए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि कलेक्टर की पहल पर व्यापक पैमाने पर सभी संबंधित विभाग, संस्थाएं तथा समुदाय एक साथ आ सके। सुपोषण की छांव को 6 माह में बढ़ा सकते हैं और कुपोषण से युद्ध जीत सकते है। उन्होंने बताया कि हर बुधवार को सुघ्घर बुधवार के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा था, जिसे लॉकडाउन की वजह से बंद किया गया था अब फिर से प्रारंभ करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यम कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाना है।

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