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हाई कोर्ट का शासन आदेश अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की नीति प्रस्तुत करें

जबलपुर
मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने शासन को आदेशित किया है कि 4 सप्ताह के भीतर विभिन्न शासकीय विद्यालयों में कार्यरत 78000 अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की पॉलिसी बनाकर हाई कोर्ट को अवगत कराएं।

अतिथि शिक्षक संघ जिला सागर द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की गई थी। जिसमें मांग की गई थी कि मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों पर तब तक भर्ती ना की जाए जब तक की लंबे समय से न्यूनतम वेतन पर सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की पॉलिसी नहीं बन जाती। याचिका में यह भी निवेदन किया गया है कि जिन पदों पर अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, उन्हें याचिका के निराकरण रिक्त पद नहीं माना जाए।

अतिथि शिक्षकों ने मांग की कि चार मार्च 2014 को गुरुजी को रेग्युलर अप्वाइंट ट्रीट कर लिया गया था। उसी तरह अतिथि शिक्षकों को भी रेग्युलर ट्रीट किया जाए। अतिथि शिक्षक काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं, उनके पास वह सारी एलिजिबिलिटी है जो शासन एवं शिक्षा विभाग को चाहिए।

याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए एमपी हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करके मध्यप्रदेश शासन से जवाब तलब किया है। सुनवाई की अगली तारीख 8 नवंबर 2021 निर्धारित की गई है। सरकार को आदेशित किया है कि 4 सप्ताह के भीतर अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित बनाने वाली पॉलिसी निर्धारित करके हाई कोर्ट में प्रस्तुत करें।