सानिया ने अपने विचार को हकीकत में बदला, अब आंध्रप्रदेश में भी बनेगी मेड इन इंदौर डिवाइस

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भोपाल

सफलता की कहानी

हम सब को अच्छे से याद है कोरोना की दूसरी लहर ने इंदौर शहर को बहुत आघात पहुँचाया था। जब शहर में कोरोना की गति तेज हो रही थी, उसी समय इंदौर की सानिया जेशवाल जो युवा कम्प्यूटर इंजीनियर भी है, कोरोना पॉजिटिविटी की पहचान करने के लिए विचार कर रही थी। कोरोना की भयानकता के समय सानिया ने ऐसी डिवाइस बनाने की ठानी जो कुछ ही पलों में न सिर्फ पल्स रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन बल्कि ब्लड-प्रेशर के साथ ही बॉडी टेम्परेचर और रेस्पिरिटी रेट रिकॉर्ड कर स्क्रीन में शो कर सके। इसके लिए सानिया ने अपना विचार लोकांत जैन के सामने रखा। इसके बाद दोनों ने मिलकर अभयपरिमिति डिवाइस बनाई, जो 20 सेकेण्ड में कम्पलीट हेल्थ चेकअप कर सकती है।

स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव-2022 के मेंटर सत्र में नेशनल हेल्थ डिपार्टमेंट में वरिष्ठ अधिकारी और वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन में भारत के प्रतिनिधि ड़ॉ. जितेंद्र शर्मा ने नए स्टार्ट-अप के निर्माताओं से सानिया को रूबरू कराया। उन्होंने अच्छे स्टार्ट-अप निर्माता के रूप में आइडिया को धरातल में लाने में सानिया को आई समस्याओं के बारे बताया। सानिया 100 अभयपरिमिति डिवाइस को स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल और 100 डिवाइस को आंध्रप्रदेश शासन  को उपलब्ध कराने के लिए पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। मेड इन इंदौर डिवाइस संक्रमण अलर्ट के अलावा रेस्पिरिटी रेट अलर्ट और ब्लड प्रेशर अलर्ट करने में सक्षम है।

 

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