रोज खाना चाहिए केला?

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जब आपको टाइप-2 डायबिटीज होता है तो आपका शरीर उचित मात्रा में इन्सुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता जिसके कारण रक्त में से ग्लूकोज खींच लिया जाता है ताकि कोशिकाओं में उसे एकत्रित करके रखा जा सके। इसके परिणामस्वरूप आपके शरीर में शुगर (शर्करा) का स्तर बढ़ता या घटता रहता है। इसका अर्थ यह है कि आपके शरीर में शुगर के स्तर को नियमित करने में आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक ग्लाइसिमिक युक्त आहार लेने से शुगर का स्तर एकदम बढ़ जाता है तथा शुगर के तुरंत बर्न होने के बाद अचानक कम हो जाता है।
केले में क्या होता है?

केला फाइबर का समृद्ध स्त्रोत होने के अलावा इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6 और पौटेशियम भी मौजूद रहता है जिसके कारण इसे आहार में शामिल करना अच्छा माना जाता है। जहां बी6 आपके मूड को अच्छा रखता है वहीं विटामिन सी आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है, पौटेशियम आपके ब्लडप्रेशर को नियमित रखता है तथा फाइबर के कारण आपको पेट काफी समय तक भरा हुआ महसूस होता है। एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि केले में उपस्थित स्टार्च (24 ग्राम प्रतिदिन) इन्सुलिन की संवेदनशीलता को बढऩे में सहायक होता है तथा टाइप-2 डायबिटीज में वजन कम करने में सहायक होता है। डायबिटीज के रोगियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि केले में कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं तथा आपके आहार में इसे शामिल करते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

डायबिटीज रोगी खा सकते हैं केले
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने डायबिटिक लोगों को (डायबिटीज के मरीजों को) केला खाने के लिए प्रोत्साहित करता है। उनके अनुसार केला एक स्वस्थ आहार है जिसका सेवन करना पूर्णतया उचित है। वास्तव में एक अध्ययन से पता चला है कि यदि आप टाइप-2 के डायबिटीज को दूर करना चाहते हैं तो केला सबसे उत्तम फल है।

कच्चे केले या पके हुए केले
जैसे जैसे केला पकता है उसमें उपस्थित स्टार्च, शुगर (शर्करा) में बदलने लगता है। जब आप पूर्ण रूप से पका हुआ केला खाते हैं तो आप ऐसे फल का सेवन करते हैं जिसमें लगभग 90 प्रतिशत स्टार्च होता है। यही कारण है कि शोधकर्ता कहते हैं कि कच्चा केला कम ग्लायसिमिक प्रतिक्रिया देता है। अत: पके हुए केले की तुलना में कच्चा केला अधिक श्रेष्ठ है।

प्रतिदिन कितने केले खाएं?
आप प्रतिदिन एक केले का सेवन कर सकते हैं। आपको अपने आहार की मात्रा पर ध्यान देना आवश्यक है। जब केले की बात आती है तो अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन आपको यह बताना चाहता है कि कितनी मात्रा का सेवन किया जा सकता है। उनके अनुमानों के अनुसार केले के आकार के अनुसार उसके कार्बोहाइड्रेट घटक में परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए एक बहुत छोटे केले (लगभग 6 इंच या उससे कम) में केवल 18.5 ग्राम कार्ब्स होता है। दूसरी ओर मध्यम आकार के (लगभग 7 से 7 7/8 इंच) केले में 27 ग्राम कार्ब्स होता है। 9 इंच या उससे अधिक ब?े केले में 35 ग्राम से अधिक कार्ब्स होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की ग्लूकोज के प्रति प्रतिक्रियाएं अलग अलग हो सकती हैं, अत: आपके शरीर के लिए क्या सही है यह जानने के लिए आपको अपने विवेक का उपयोग करना होगा। अपने आहार की मात्रा में फल सब्जियों और केले के बीच संतुलन बनाएं। क्योंकि आहार के मामले में संयम रखना बहुत आवश्यक है और विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना बहुत अच्छी बात है। तो यदि आप अपने आहार में सेब, अंगूर, ब्लूबेरीज को शामिल कर सकते हैं तो आप अपने शरीर में शुगर के स्तर को आसानी से संतुलित रख सकते हैं।
इसके अलावा शरीर में शुगर के स्तर एक जैसा रखने के लिए फल तथा कार्ब्स का सेवन दिन में थोड़े-थोड़े अंतराल पर करें। सही तरीके से अपनी योजना बनाएं तथा दिन में एक केले के सेवन का आनंद उठायें। इस प्रकार डायबिटीज के रोगी केला खाने से होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं।

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