Udhyog Hakikat

श्री बागेश्वर धाम सरकार ने बनवासी एवं आदिवासी इलाकों में धर्म के प्रचार के लिए अपने खर्चे पर कथा करने का संकल्प लिया

 अशोकनगर
 छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिन्हें ज्यादातर लोग श्री बागेश्वर धाम सरकार (Shri Bageshwar Dham Sarkar) के नाम से ही जानते हैं, आजकल अपनी एक पहल को लेकर खूब उत्साहित दिखते हैं। वो कहते हैं कि भारत भर की व्यास पीठों के लिए उनका यह काम भविष्य में नजीर बनेगा और बागेश्वर धाम से जुड़े श्रद्धालुओं के लिए यह गौरवान्वित महसूस करने का काम होगा।

बीते दिनों अशोक नगर में कथा की बात करने के के लिए अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी बागेश्वर धाम पहुंचे तो  पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें बताया बनवासी एवं आदिवासी इलाकों में सनातन धर्म के प्रचार के लिए कथा करने का संकल्प ले चुके हैं। बागेश्वर धाम सरकार ने बताया कि ये कथाएं न केवल निशुल्क होंगी बल्कि बागेश्वर धाम के खर्चे पर ही की जाएंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि यह यह संकल्प निरंतर चलेगा।

14 से 16 अक्टूबर पन्ना जिले के कल्दा में होने वाली वनवासी श्री राम कथा को लेकर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस कथा सारी व्यवस्थाएं तो धाम के द्वारा की जाएगी साथ ही यहां पर वस्त्र वितरण, पादुका वितरण और तीन दिवसीय भंडारा भी बागेश्वर धाम की तरफ से आयोजित किया जाएगा। उनका कहना है कि न केवल यह कथा बल्कि हर दो-तीन माह में धाम अपनी तरफ से वनवासी इलाकों में कथाये कराता रहेगा।

सनातन धर्म की रक्षा के यह जरूरी है..यूं तो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दलित पिछड़े एवं शोषित वनवासी बीट कथाओं को लेकर अपने मंच से बोलते रहते हैं। उनका कहना है कि बड़े शहरों और विदेशों में अकेले कथा करने से धर्म नहीं बचेगा, धर्म को बचाने के लिए वास्तविकता में वनवासियों के बीच जाना पड़ेगा। जो लोग महुआ बीनकर एवं पत्तियों पर पेट पाल रहे हैं उनके बीच में सनातन का प्रचार करना पड़ेगा ताकि यहां सनातन धर्म के प्रति लोगों में भाव बना रहे। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए बागेश्वर धाम हर दो-तीन माह में आदिवासी अंचलों में निशुल्क कथाएं करता रहेगा।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आजकल एक और बड़ा काम कर रहे हैं। वे भारतवर्ष के बड़े-बड़े व्यासपीठो को एक सूत्र में बांधने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी उद्देश्य को लेकर अक्सर व्यास मित्रों के बीच जाते रहते हैं। हमारे साथ इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कल्दा में होने वाली वनवासी श्री राम कथा के लिए उन्होंने देश भर के कई पीठों से संपर्क किया है और उन्हें आमंत्रित किया है। उनका कहना है कि भारतवर्ष की व्यासपीठों को इन वंचित एवं शोषित लोगों के बीच जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि आज नहीं तो कल सभी धर्म गुरु एवं कथाकार इस मामले में एक होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यह इतना बड़ा काम है और जो लोग बागेश्वर धाम से जुड़े हुए हैं उन्हें खुद को गौरवान्वित महसूस करने का अवसर मिलेगा।