अटल चंबल एक्सप्रेस वे से असंतुष्ट किसानों के विरोध के बावजूद शुरू होगा सर्वे

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ग्वालियर

पांच साल से कागजों में आकार ले रही भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अटल चंबल एक्सप्रेस वे के लिए किसानों के विरोध के बीच सर्वे शुरू होने वाला है। मुरैना, भिंड और श्योपुर जिले में इस योजना के दायरे में जिन गांवों के किसानों की जमीन आ रही है वे राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन और मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए जहां एक ओर प्रशासन सर्वे के लिए टीमें मैदान में उतारने वाला है, वहीं दूसरी ओर गांवों में किसानों द्वारा विरोध के लिए तैयारी कर ली गई है। दूसरी ओर सरकार की कोशिश है कि इस साल सर्वे का काम पूरा हो जाए तो इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर और टेंडर का काम 2023 के पहली छमाही में शुरू कराया जाए।

इस एक्सप्रेस वे के लिए सबसे अधिक विरोध के स्वर मुरैना जिले में उठ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस जिले के 6 तहसील के 117 गांव की जमीन एक्सप्रेस वे में आने वाली है जिसके लिए सर्वे सात अक्टूबर से शुरू होना था लेकिन बारिश ज्यादा होने के कारण तय समय पर सर्वे शुरू नहीं हो सका। पूर्व में इस सर्वे को पूरा करने की समय सीमा 30 अक्टूबर रखी गई थी लेकिन अब यह समय बढ़ेगा। बारिश थमी है। इसलिए अब शनिवार से सर्वे शुरू कराएंगे। उधर भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस का कहना है कि उनके जिले में सर्वे को लेकर अब तक किसी तरह के विरोध की बात सामने नहीं आई है। दूसरी ओर श्योपुर में भी 404 हेक्टेयर (600 हेक्टेयर निजी जमीन) जमीन के सर्वे को लेकर भी किसानों में मुआवजा दोगुना नहीं देने और जमीन के बदले दोगुनी जमीन नहीं देने के चलते विरोध के स्वर उभर रहे हैं।

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