तालिबान राज में पाक की धरती पर बढ़े आतंकी हमले, इमरान ने अपने ही पैर पर मार ली कुल्हाड़ी

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 नई दिल्ली 
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के लौटने और वहां तालिबान राज कायम होने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (एसएटीपी) के मुताबिक, केवल अगस्त महीने में 35 आतंकी हमले हुए जिसमें 52 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई। जान गंवाने वालों में 32 आम नागरिक हैं, जबकि 20 सुरक्षाकर्मी हैं। एक महीने में इतने अधिक आतंकी हमले का चार साल में यह सर्वाधिक आंकड़ा है।

पाक में वर्ष 2021 के जनवरी से लेकर 28 सितंबर तक कुल 187 आतंकी हमले हुए, जिसमें 317 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। हालांकि वर्ष 2020 के दौरान 193 आतंकी हमले हुए थे, जिसमें 347 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी। तालिबान ने इस्लामाबाद से वादा किया था कि अफगान की धरती का इस्तेमाल पाक में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं किया जा सकेगा। इसके बावजूद पाक में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। आतंकी हमले बढ़ने से पाकिस्तानी लोगों में असुरक्षा बढ़ी है जिसका कारोबारी माहौल पर गंभीर असर पड़ सकता है। आंकड़ों के मुताबिक एक महीने में इतने अधिक आतंकी हमले की यह संख्या चार साल में सर्वाधिक है। एसएटीपी आतंकवाद और छोटे-मोटे संघर्ष पर केंद्रित वेबसाइट है। यह उग्रवादी गतिविधियों से जुड़े शोध के लिए डाटाबेस मुहैया कराती है।
 
अधिकतर हमले टीटीपी ने कराए:
एसएटीपी के मुताबिक पाकिस्तान में बीते महीने में हुए अधिकर आतंकी हमलों के लिए अकेले आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (टीटीपी) जिम्मेदार है। तालिबान की सरकार बनने के बाद से टीटीपी की स्थिति मजबूत हुई है। इसके अलावा पाकिस्तान सरकार की मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल कई आतंकवादी अब अफगानिस्तान की जेलों से आजाद हो चुके हैं, इससे भी खतरा बढ़ गया है।

पाक की चिंता बढ़ी:
पाकिस्तान में इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि आतंकवाद के प्रसार से देश में निवेश का माहौल बिगड़ सकता है। इसका चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत जारी परियोजनाओं पर भी असर पड़ सकता है। पाकिस्तान में ऊर्जा संयंत्र और सड़क संबंधी परियोजनाओं पर चीन ने 25 अरब डॉलर का निवेश किया है।

पाक में हर तरह के आतंकी :
पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों को मोटे तौर पर पांच श्रेणियों में बांटा जा सकता है। इनमें वैश्विक स्तर के आतंकी संगठन, अफगान केंद्रित, भारत और कश्मीर केंद्रित, घरेलू मामलों तक सीमित रहने वाले संगठन और पंथ केंद्रित (शियाओं के खिलाफ) आतंकी संगठन शामिल हैं। यानी पाक में छाटे-बड़े हर तरह के आतंकी संगठन मौजूद हैं। आतंकवाद पर अमेरिका की स्वतंत्र कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 12 संगठनों का घर पाकिस्तान है, जिन्हें अमेरिका द्वारा विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया गया है। इनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत-उल जिहाद इस्लामी:, हिज्बुल मुजाहिदीन, अलकायदा, द इंडिया सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस), इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस (आईएसकेपी या आई-के), अफगान तालिकान, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), जुंदाल्ला (उर्फ जैश अल-अदल), सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) और लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे) शामिल हैं।

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