खुद की गलती पर भी बैंक ले रहा ग्राहकों से हर्जाना, व्यापारी की चूक बता वसूले 20 हजार

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गोरखपुर
 
चेक क्लियरेंस को लेकर बैंक ग्राहकों पर भारी जुर्माना ठोक रहे हैं। खुद की गलती के बाद भी ग्राहकों के हजारों रुपये काट रहे हैं। शहर के एक व्यापारी ने बैंक द्वारा वसूली गई 20 हजार से अधिक रकम खाते में वापस भेजने को विवश किया है। सर्तकता से आप भीस चेक बाउंस के जुर्माने से बचा जा सकता है। स्टेट बैंक हो या केनरा बैंक या फिर अन्य कोई भी सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक। चेक क्लियरेंस को लेकर सभी बैंकों में मनमानी की शिकायतें हैं।

सिग्नेचर मैच न होने या खाते में बैलेंस न होने पर चेक बाउंस का मामला तो पुराना है, अब बैंक नई-नई वजहें बता जुर्माना काट रहे हैं। सिनेमा रोड पर इलेक्ट्रिकल समान के प्रतिष्ठित कारोबारी आनंद रूंगटा की फर्म के चेक में खामियां बताकर बैंकों ने 40 हजार से अधिक की पेनाल्टी ठोक दी। उन्होंने बैंकों से पेनाल्टी की वजह पूछी तो अजीबो-गरीब वजहें बताई गईं। किसी में कनेक्टिविटी की समस्या तो किसी में इमेज साफ न होना वजह बताई गई। इसके बाद आनंद ने आरबीआई से आरटीआई के तहत सवाल पूछा कि चेक किन वजहों से बाउंस हो सकता है और कितनी रकम पर कितना जुर्माना लिया जाएगा। आनंद बताते हैं कि ‘आरटीआई से मिले जवाब के बाद साफ हुआ कि बैंकों ने चेक क्लियरेंस में उन वजहों में भी पेनाल्टी लगा दी थी, जिसमें गलती खुद बैंक की है। सभी मामलों में बैंक की शाखाओं से लेकर मुख्यालय तक पत्राचार का नतीजा है कि पेनाल्टी के तौर पर काटी गई 20 हजार से अधिक रकम खाते में वापस आ गई। शेष पर कार्रवाई चल रही है। ग्राहकों को खाते की नियमित निगरानी करनी पड़ेगी और किसी बेमतलब की कटौती पर शिकायत भी दर्ज करानी पड़ेगी।’
 
इन वजहों से बाउंस हो सकता है चेक
– यदि चेक में हस्ताक्षर बैंक द्वारा रखे गए नमूना हस्ताक्षर से मेल न खाए।
– यदि शब्दों और आंकड़ों में लिखी गई राशि एक दूसरे से मेल नहीं खाती है।
– अगर ड्रॉअर बैंक को चेक का पेमेंट रोकने का आदेश देता है।
– यदि चेक के पेमेंट को पूरा करने के लिए बैंक खाते में अपर्याप्त राशि है।
– यदि बैंक को ड्रॉअर की मृत्यु या पागलपन या दिवालिया होने की सूचना मिलती है।
– यदि तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है या गलत तरीके से लिखा गया है या उल्लिखित तारीख तीन महीने पहले की है।

चेक देने वाले को शाखा में बुलाया
चेक क्लियरेंस को लेकर बैंकों की मनमानी को लेकर रोज दर्जनों शिकायतें बैकों में पहुंच रही है लेकिन शिकायतों को अनसुना किया जा रहा है। भालोटिया मार्केट में दवा कारोबारी प्रमोद गुप्ता ने बताया कि बैंक ने यह कहते हुए चेक रिजेक्ट कर दिया कि जिसने चेक दिया है, उसे लेकर शाखा में उपस्थित हों। प्रमोद ने कहा कि अब वाराणसी के कारोबारी को किराया देकर बुलाएं तब चेक क्लियर होगा।

 

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