Udhyog Hakikat

बगैर बारूद दागेगी गोला, 200 किमी तक करेगी मार; DRDO बना रहा घातक रेलगन

 नई दिल्ली
 
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भविष्य के हथियारों पर भी कार्य कर रहा है। इसी सिलसिले में उसने इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेलगन बनाने के लिए भी शुरुआती तैयारियां आरंभ कर दी है। यह ऐसी तोप है जो 200 किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती है। यह थल, नभ और जल सेना तीनों के लिए भविष्य का एक घातक हथियार है। इसमें गोला दागने के लिए बारूद नहीं, बल्कि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किया जाता है। डीआरडीओ ने टेक्नोलॉजी फोकस जर्नल में विस्तृत रिपोर्ट रेलगन को लेकर प्रकाशित की है। पुणे स्थित उसकी प्रयोगशाला आरमेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टबलिसमेंट (एआरडीई) में इस पर काम शुरू किया गया है।

कैसे कार्य करती है रेलगन
इलेक्ट्रिक करंट के जरिये इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड तैयार किया जाता है। इससे गतीय ऊर्जा पैदा होती है जो रेलगन में लगे गोले को ध्वनि की रफ्तार से छह-सात गुना ज्यादा रफ्तार से फेंकती है। यह जरूर है कि रेलगन में वही गोले इस्तेमाल किए जा सकते हैं जो इलेक्ट्रो मैग्नेटिक प्रवाह में सक्षम हों। डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रवि गुप्ता का कहना है कि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेलगन पर अमेरिका, रूस समेत कई देश कार्य कर रहे हैं। चीन ने भी ऐसे दावे किए हैं। ऐसे में यदि भारत भी इस पर कार्य करता है तो यह भावी रक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।