कोरोना महामारी में मीडिया कंपनियों का मूल्यांकन सबसे तेजी से बढ़ा, भारत में छोटे निवेशकों ने बड़ों को पछाड़ा

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 नई दिल्ली।
 
टेक्नोलॉजी, मीडिया और दूरसंचार (टीएमटी) कंपनियां कोरोना महामारी के दौर में न केवल अपने निवेशकों को रिटर्न देने में आगे रही हैं। बल्कि उस मुश्किल समय में समाज के एक बड़े तबके बीच जागरुकता फैलाने, स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पर उपलब्ध कराने से लेकर उनका मनोरंजन करने में भी बड़ी भूमिका अदा की है। बोस्टन कंस्ल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। इस दौर में टीएमटी में सबसे अधिक लाभ मीडिया को हुआ जिसका बड़ा हिस्सा दुनिया की नामचीन टेक्नोलॉजी कंपनियों में शामिल गूगल, फेसबुक, और नेटफ्लिक्स आदि को गया है। रिपोर्ट में कहा गयाहै कि 2016 से 2021 के बीच मीडिया कंपनियों का मूल्यांकन दोगुना बढ़कर पांच खरब डॉलर हो गया। इसमें 60 फीसदी तेजी केवल कोरोना महामारी के दौर में दर्ज की गई।

टेक्नोलॉजी ने घर पर दी सुविधा
रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में जब भारत समेत दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति थी तो उस समय टेक्नोलॉजी कंपनियों ने बीमारी की जांच से लेकर निवेश समेत कई तरह की सुविधाएं लोगों के घर पर मुहैया कराईं। इससे लोगों का भरोसा इन कंपनियों पर और मजबूत हुआ। इसकी वजह से दुनिया में टेक्नोलॉजी क्षेत्र की नामचीन कंपनियों के शेयरों का मूल्य भी बढ़ा , जिसका फायदा उनके निवेशकों को हुआ। इसमें गूगल, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट समेत दुनिया की 20 कंपनियां शामिल हैं।

 
मीडिया ने हर नई बदलाव की दी जानकारी
कोरोना संकट में पूरी दुनिया के लिए उससे जुड़ी हर बात के लिए मीडिया पर हीं नजरें थीं। एक तरफ मीडिया ने कोरोना से जुड़ी विकरालता को लेकर आगाह किया तो वहीं बीमारी को लेकर दुनियाभर में चल रहे परीक्षणों और उनके प्रभाव से भी अवगत कराया। साथ ही सरकार और नियामकों के अलावा अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों को जागरुक भी किया। इसके अलावा किसी भी तरह के अफवाह से भी बचाने में अहम भूमिका निभाई। इससे लोगों का मीडिया पर भरोसा बढ़ा जिसका लाभ उस क्षेत्र की कंपनियों और निवेशकों को भी हुआ। परंपरागत कंपनियों के मुकाबले इन कंपनियों का मूल्यांकन दोगुना बढ़ा।

दूरसंचार ने पासा पलटने वाला काम किया
भारत में दूरसंचार क्षेत्र की वृद्धि और खासकर डेटा खपत में जो तेजी देखने को मिली वह इसके पहले कभी नहीं देखी गई। वैश्विक स्तर पर भी करीब-करीब यही हाल रहा। लोग दूर रह रहे परिवार के सदस्य से जुड़े रहने के लिए वीडियो कॉल का इस्तेमाल किया। इससे उन्हें करीब रहने का ऐहसास हुआ। बैंकिंग क्षेत्र ने वीडियाे केवाईसी की सुविधा दी। इससे लोग घर पर बैठे-बैठे बैंक में खाता खुलवाने से लेकर संबंधित संस्थानों में डिमैट खाता खुलवा सके।

भारत में छोटे निवेशकों ने बड़ों को पछाड़ा
टीएमटी का असर दुनिया के अन्य हिस्से के मुकाबले भारत पर ज्यादा देखने को मिला है। महामारी की वजह से बाहर नहीं निकल पाने और घर बैठे डिमैट खाता खुलने से आम लोगों का शेयर बाजार की ओर रुझान बढ़ा। इसके उन्हें आमदनी का एक अतिरिक्त जरिया मिला। वहीं शेयर बाजार में बड़े निवेशकों का दबदबा खत्म हो गया। विशेषज्ञ यहां तक कहने लगे कि भारतीय बाजार को चलाने के लिए अब बड़े निवेशक जरूरी नहीं।

 

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