Udhyog Hakikat

पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति के किये तीन टुकड़े, सबूत मिटाने के लिए शव को ड्रम में रख लगा दी आग

मुजफ्फरपुर
किराये के मकान में प्रेमी संग मिलकर एक महिला ने अपने पति की हत्या कर शव के तीन टुकड़े कर दिये। साक्ष्य मिटाने के लिए शव को अपने ही कमरे में एक प्लास्टिक के ड्रम में नमक, ब्लीचिंग पाउडर और फिनाइल के साथ रखकर आग लगा दी। इसके बाद सभी फरार हो गए। बीती रात नगर थाना के सिकंदरपुर ओपी क्षेत्र के श्रीराम मंदिर बालूघाट के पास एक घर में हुए धमाके की रविवार को पुलिस व एफएसएल टीम की जांच में इस वारदात का खुलासा हुआ है। क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों की दो सदस्यीय टीम ने करीब तीन घंटे तक छानबीन की। पुलिस टीम भी तहकीकात में जुटी रही। एसएसपी जयंतकांत स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे थे।  मौके वारदात से खून लगा चाकू, हथौड़ी, नमक, ब्लीचिंग पाउडर, कपड़ा, तरल पदार्थ (फिनाइल), मांस का लोथरा, प्लास्टिक के ड्रम का अवशेष आदि बरामद किया गया है। कमरे की दीवार से ब्लड स्टेन (खून का धब्बा) भी एकत्र किया  गया है। सिकंदरपुर ओपी पुलिस एकत्र साक्ष्यों को कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद वैज्ञानिक जांच के लिए गन्नीपुर स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजेगी। 

पत्नी, साली, साढ़ू समेत चार पर हत्या की एफआईआर
इधर, सिकंदरपुर ओपी पुलिस ने रविवार को जब्त शव के अवशेष को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजा जहां उसकी पहचान भी हुई। तीन टुकड़ों में बंटे शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक की पहचान अखाड़ाघाट के कर्पूरीनगर निवासी राकेश कुमार (30) के रूप में उसके बड़े भाई दिनेश कुमार सहनी ने की। पुलिस ने उसका बयान भी दर्ज किया। उसके आधार पर नगर थाने में राकेश की पत्नी राधा देवी, उसकी साली कृष्णा देवी, साढू विकास कुमार और राकेश के दोस्त सुभाष कुमार के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज किया गया। एफआईआर में सुभाष से राधा देवी के अवैध संबंध होने और सब पर साजिशन राकेश की हत्या करने का आरोप लगा है। सभी आरोपित किराये के मकान से बच्चों के साथ फरार हैं। बताते हैं कि एफएसएल जांच के दौरान करीब 20 मिनट के लिए राकेश की साली कृष्णा देवी घटनास्थल के पास ही देखी गई। जबतक पुलिस सक्रिय होती, वह फरार हो गयी। 

कमरे में की गई राकेश की निर्मम हत्या
सिकंदरपुर ओपी पुलिस की मानें तो राकेश की निर्ममता से हत्या की गई। आशंका है कि हत्या से पूर्व उसे शराब पिलाई गई। फिर नशे की हालत में उसे पीटकर अधमरा किया गया। उसके बाद चाकू और हथौड़ी से उसकी हत्या कर दी गई। फिर शव को तीन टुकड़ों मर कर दिया गया। गर्दन, धड़ और पैर को धारदार औजार से काटकर अलग किया गया। फिर उसे प्लास्टिक ड्रम  में रखकर नमक, ब्लीचिंग पाउडर व फिनाइल डाल डब्बे को बंद कर दिया गया। डब्बे में सबसे नीचे जांच टीम को मुंड मिला। इसके बाद पैर और फिर धड़ मिला। दोनों हाथ उसके ऊपर की ओर थे। 

पांच दिन पहले हत्या की आशंका
आशंका है कि शव लगभग पांच दिन पुराना है। हालांकि, एफएसएल टीम में शामिल क्षेत्रीय विधि प्रयोगशाला के सहायक निदेशक सुनील कुमार सिंह ने मामले में फिलहाल कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। वहीं, सूत्रों की मानें तो पांच दिन पहले राकेश की हत्या की गई। हालांकि एफएसएल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हत्या के समय की ठोस जानकारी हो सकेगी। 

पत्नी राधा के बुलाने पर दिल्ली से लौटा था
राकेश कुमार के भाई दिनेश सहनी ने पुलिस को दिये बयान में बताया है कि वह तीन भाई है। राकेश सबसे छोटा था। बीते कई माह से वह यहां नहीं था। दिल्ली में रहता था। राकेश की पत्नी राधा देवी का उसके मित्र सुभाष कुमार से कई माह से अवैध संबंध था। वह उसी के साथ अपने तीन बच्चे, साली और साढ़़ू के साथ रहती थी। छह दिन पहले वह पत्नी राधा के कहने पर दिल्ली से मुजफ्फरपुर लौटा था। लेकिन, वह तीन-चार दिनों से दिखाई नहीं दिया। उनकी पत्नी भी उसकी खोजबीन के लिए किराये के मकान पर गई जहां राकेश की पत्नी राधा ने उसे बताया कि वह अभी घर पर नहीं हैं। काम से बाहर गए हैं।

कमरे से धुआं निकलने की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड, तभी हुआ धमाका
दिनेश ने बताया कि राकेश अपने परिवार व रिश्तेदार के साथ श्रीराम मंदिर के पास सुनील कुमार शर्मा के माकन में तीसरी मंजिल पर किराये पर रहता था। शनिवार की रात करीब आठ बजे उसके कमरे से धुआं निकल रहा था। स्थानीय लोगों की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने पहुंची। वह भी पहुंचा था। जैसे ही फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने का काम शुरू की कि कमरे में जोरदार धमाका हुआ। इसकी सूचना फायर ब्रिगेड की टीम ने नगर थाना और सिकंदरपुर ओपी को दी। फायर ब्रिगेड के कमांडेंट गौतम कुमार भी मौके पर पहुंचे। इसकी बाद पुलिस भी पहुंच गयी। देर रात प्रारंभिक छानबीन के बाद पुलिस ने उक्त कमरे को सील कर दिया था। साथ ही जवान की तैनाती कर दी थी। रविवार की सुबह विधि विज्ञान प्रयोगशाल की टीम के आने पर कमरा खोला गया। 

राकेश और सुभाष करते थे शराब का धंधा
पुलिस रिकार्ड की मानें तो राकेश कुमार और सुभाष कुमार दोनों मिलकर शराब का अवैध धंधा करते थे। दोनों के खिलाफ नगर थाने में उत्पाद अधिनियम के तरह केस भी दर्ज है। राकेश को छह माह पहले पुलिस ने कोर्ट में पेशकर न्यायिक हिरासत में भेजा था। वह जमानत पर जेल से छूटकर आया था। वहीं, सुभाष फरार है। राकेश के खिलाफ पुलिस थाने में लाल वारंट भी लंबित है। वह नगर थाने का उत्पाद मामले में वारंटी था। 

सुभाष का घर पर था खूब आना जाना
पुलिस की मानें तो आरोपित सुभाष का राकेश के घर खूब आना जाना था। मोहल्ला के लोग भी इस बात से अवगत थे। चूकि राकेश जेल से छूटने के बाद दिल्ली चला गया था। पुलिस अधिकारी की मानें तो राकेश को जब सुभाष से उसकी पत्नी के अवैध संबंध का पता लगा तो उसने नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही उसे धमकी भी दिया था। इसी को लेकर सुभाष, राधा व अन्य ने मिलकर राकेश को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।