रायपुर
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद में आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने लगातार महिलाओं के प्रकरणों में तेजी से काफी जन सुनवाई किया लगभग 1,500 प्रकरणों की जनसुनवाई कर चुकी है, इस दौरान अध्यक्ष ने पाया कि महिला आयोग का अधिनियम तत्कालीन म.प्र. शासन का कानून है जो छत्तीसगढ़ के वर्तमान में कई मुद्दों पर इसे सशक्त करने की आवश्यकता प्रतीत हुई। अत: संशोधन की आवश्यकता को देखते हुए आज शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई जिसमें संशोधन प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को सौंपने का निर्णय लिया गया।
महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों के संरक्षण एवं संर्वधन हेतु बदले हुए परिवेश के आलोक में आयोग के वर्तमान अधिनियम एवं विनियम प्रक्रिया में संशोधन किए जाने की आश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए आज पूर्वान्ह में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय में एक बैठक आहूत की गयी।
इस बैठक में महिला आयोग अधिनियम 1995 अंतर्गत अधिनियम के नाम, विस्तार और प्रांरभ, परिभाषा, राज्य महिला आयोग गठन, अध्यक्ष, सदस्यों की पदावधि तथा सेवा शर्तो, वेतन भत्तो का भुगतान, समितियॉ, आयोग द्वारा विनियमित की जाने वाली प्रक्रिया, आयोग के कृत्य, वार्षिक रिपोर्ट, राज्य सरकार से परामर्श, नियम बनाने की शक्तियों आदि विषय पर चर्चा करते हुए समस्त सम्मिलित सहभागियों ने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए अधिनियम एवं विनियम प्रक्रिया में संशोधन हेतु अपने सुझाव दिए है, जिस आधार पर संशोधन प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया जाएगा। जिससे महिला आयोग के कार्यों में गति आएगी।