ऊंचाइयों को छूने के लिए करें घर की इस जगह को ऊंचा

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जीवन के हर इम्तेहान में व्यक्ति सफलता पाना चाहता है। फिर वो चाहे बात उसकी नौकरी की ही क्यों न हो। अपनी नौकरी में तरक्की पाने के लिए हर व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि उसे मनचाही सफलता हासिल नहीं हो पाती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन अगल सोचा जाए तो इसके पीछे घर का वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु विज्ञान को समझने के लिए और उससे फायदा उठाने के लिए सबसे पहले अपने घर की कुछ जगहों को ऊंचा करना होगा। ऐसा करने पर आपके मान-सम्मान में तो वृद्धि होगी ही और इसके साथ ही आप जीवन में नई ऊंचाइयों को छुएंगे। तो चलिए जानते हैं वास्तु के हिसाब से किय स्थान को ऊंचा करना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण दिशा को ऊंचा रखना चाहिए। इससे हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है, लेकिन अगर यही हिस्सा नीचा हो तो घर में धन की हानि होती रहती है। 

दक्षिण हिस्सा ऊंचा होने पर घर बीमारियों से मुक्त रहता है। वरना किसी न किसी को बीमारी होने का खतरा बना रहता है। 

घर के दक्षिण-पश्चिम भाग को ऊंचा रखने पर दिन-ब-दिन व्यक्ति तरक्की करता है और समाज में उसका रूतबा भी बढ़ता है। लोकिन एक बात का ख्याल रखना चाहिए कि इस भाग में पानी का सोर्स नहीं होना चाहिए। 

अगर घर का पश्चिम भाग ऊंचा है तो वहां बच्चे हमेशा स्वस्थ रहते हैं। माना जाता है कि वरूण देव  पश्चिमी दिशा के देवता हैं और ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी है। लेकिन पश्चिम की ओर सोने से अनेक प्रकार की परेशानी होती है। यह भाग नीचा रहने से घर के पुरुषों की बीमारियों पर अत्यधिक धन खर्च होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का अगर उत्तर-पश्चिम भाग ऊंचा है तो ऐसे घर में हमेशा धन की हानि होती है। वहीं उत्तर-पूर्व का भाग ऊंचा है तो घर अत्यधिक कष्ट होता है। घर में किसी ना किसी तरह की समस्या रहती है।

उत्तर दिशा को मातृ स्थान भी कहा गया है, तो इस दिशा को खाली रखना चाहिए। वहीं अगर घर का पूर्व भाग ऊंचा है तो वहां संतान से संबंधित बुरी खबर सुनने को मिलती है। वास्तु के अनुसार घर का उत्तर भाग यदि ऊंचा है तो वहां रोगकारक होता है। 

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