भोपाल
प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों में 190 आदिवासी छात्रावास अब पूरे बारह माह संचालित किए जाएंगे। आदिम जाति कल्याण विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए है। राज्य शासन ने 190 आदिवासी छात्रावासों और आश्रमों को बाहर माह संचालित करने की मंजूरी दी थी। अब 89 आदिवासी विकासखंडो में पचास सीट क्षमता का एक छात्रावास बालकों के लिए और एक छात्रावास बालिकाओं के लिए पूरे वर्ष बारह माह संचालित किया जाएगा।
विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य छह जिले ग्वालियर, शिववुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया एवं मुरैना में भी दो छात्रावास एक बालक और एक बालिका के लिए पूरे वर्ष संचालित किया जाएगा। इस प्रकार प्रदेश में कुल 190 छात्रावास बारह माह तक संचालित किए जाएंगे। 89 आदिवासी विकासखंडों में पचास सीट क्षमता का एक आश्रम बालकों और एक बालिकाओं के लिए पूरे वर्ष संचालित किया जाएगा। विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया एवं मुरैना में भी दो आश्रम एक बालक और एक बालिका के लिए पूरे वर्ष संचालित किया जाएगा। इस तरह पूरे प्रदेश में एक साल में 190 आश्रम बारह महीने संचालित किए जाएंगे।
शाला बंद तो चलेगी कोचिंग
शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए शाला बंद रहने के दौरान गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी की कोचिंग संचालित की जाएगी।
ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में होंगी अतिरिक्त गतिविधियां-
ग्रीष्मकालीन शिविर के रुप में अतिरिक्त गतिविधियों का संचालन भी यहां किया जाएगा। जिसके अंतर्गत खेल, नृत्य, संगीत, क्र ॉफ्ट आदि किसी एक विधा में छात्रावासी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाए। दो माह की अवधि समाप्त होंने के बाद संबंधित विद्यार्थी को पात्रता नुसार पुन: उनके मूल छात्रावास में प्रवेश दिया जाएगा। अवकाश अवधि में छात्रावास और आश्रम में अधीक्षकों और शिक्षकों से काम लिए जाने के कारण उन्हें इस अवधि में अर्जित अवकाश की पात्रता रहेगी।
शिक्षकों को मिलेगा 25 हजार मानदेय
योजना में छात्रावास की कोचिंग हेतूु शिक्षकों को सौ रुपए प्रति कालखंड अधिकतम दो कक्षा हेतु माह के बीस दिन एवं कोचिंग सामग्री हेतु पच्चीस हजार रुपए प्रति संस्था दिया जाएगा। अतिरिक्त गतिविधियों के संचालन के लिए प्रशिक्षक को प्रति माह चार हजार के मानसे मानदेय दिया जाएगा। विद्यार्थियों को भी शिष्यवृत्ति छात्रावास और आश्रमों को निर्धारित दर अनुसार अतिरिक्त दो माह दी जाएगी।