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ताइवान के करीब रिकॉर्ड लड़ाकू विमान भेजने के पीछे क्या है चीन का मकसद? 

हॉन्ग कॉन्ग
हाल के दिनों में चीन ने लगातार ताइवान के क्षेत्र में युद्धक विमानों की घुसपैठ की है। 1 अक्टूबर से लेकर अब तक ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में करीब 150 चीनी लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है। इसे लेकर ताइवान ने कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिकी वाइट हाउस ने चीन की इस गतिविधि को उकसावे वाली बताया है। अमेरिका ने ताइवान को सहयोग और समर्थन देने की बात कही है। लेकिन चीन, ताइवान को लेकर ऐसा रवैया क्यों अपना रहा है, आइए जानते हैं।

ताइवान से नाराज है चीन ?
करीब सात दशक पहले हुए गृहयुद्ध के बाद से चीन और ताइवान अलग-अलग शासित हैं। लेकिन चीन, ताइवान को अपने हिस्से के तौर पर देखता रहा है। लेकिन सच यह है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जरूरत पड़ने पर ताइवान पर कब्जा करने के लिए मिलिट्री के इस्तेमाल को खारिज करने से इनकार कर दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीजिंग, ताइवान को लगातार चेतावनी दे रहा है कि वह जब चाहे हमला कर सकता है। चीन ऐसा करके ताइवान पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहता है। हालंकि ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने चीन के सामने झुकने से साफ इनकार कर दिया है।

ऐसा करके चीन सैन्य अनुभव हासिल कर रहा?
भविष्य में चीन अगर ताइवान पर हमला करता है तो चीन को कई खुफिया जानकारी चाहिए होगी। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ऐसे में लड़ाकू विमानों को भेजकर चीन माहौल समझने की कोशिश कर रहा है। चीन ताइवान की हवाई क्षमता और प्रतिक्रिया देने की क्षमता को समझने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में यह संभव है कि भविष्य में भी चीनी लड़ाकू विमान ताइवान के क्षेत्र में उड़ते रहें।

ताइवान की सैन्य शक्ति कितनी?
यह सच है कि ताइवान की तुलना में चीन रक्षा क्षेत्र में मजबूत है। ताइवान सैन्य विमान का बेड़ा भी पुराना हो चुका है। अगर ताइवान, चीन की उड़ान की बराबरी करने की कोशिश करता है तो गंभीर संकट में फंस सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लगातार घुसपैठ से चीन को उम्मीद है कि ताइवान एयरक्राफ्ट्स नवीकरण की ओर बढ़ सकता है लेकिन ताइवान अब तक इस झांसे में नहीं फंसता नजर आ रहा।

चीनी मीडिया में क्या चल रहा?
सरकारी मीडिया ने चीन के इस कदम को ताइवान को कड़ी चेतावनी के तौर पर बताया है। इसके साथ ही तालिबान के समर्थन में आ रहे पश्चिमी देशों को भी चेतावनी दी है। ग्लोबल टाइम्स के एक संपादकीय में लिखा गया है कि ताइवान की आजादी को बल देने वाले हरेक ताकत को चीन कुचल देगा। ताइवान को अलगाववादी नीतियों के लिए लगातार चेतावनियां दी जा रही हैं।

ताइवान के दोस्त क्या कर रहे?
लगातार हो रहे चीनी घुसपैठ के बाद ताइवान के कई दोस्त उसके समर्थन में आए हैं और बीजिंग इस बात से नाराज है। अमेरिका सहित G7 देशों ने भी ताइवान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। ताइवान समर्थक देशों ने हाल के दिनों में कई ताइवान के नजदीक नौसैनिक अभ्यास किए हैं।