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कांग्रेस का अशोक गहलोत को CM बनाने के पीछे क्या है ‘मनमोहन प्लान’, पायलट भी भरेंगे उड़ान!

नई दिल्ली
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जल्दी ही नई भूमिका में नजर आ सकते हैं। बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत ने भी माना कि वह अध्यक्ष पद के लिए तैयार हैं, लेकिन अंत तक राहुल गांधी को ही यह पद संभालने के लिए मनाएंगे। गहलोत के बयान से माना जा रहा है कि उन्होंने अध्यक्ष पद की दावेदारी को खुलकर स्वीकार कर लिया है और यदि सब कुछ ठीक रहा तो गांधी परिवार के समर्थन वाले उम्मीदवार के तौर पर वह चुनाव में उतरेंगे। उनका मुकाबला शशि थरूर से होगा, जिन्हें बागी नेताओं में शुमार किया जा रहा है। ऐसे में गहलोत का अध्यक्ष के चुनाव में जीतना तय माना जा रहा है।

ऐसे में सवाल यह भी है कि अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाकर गांधी परिवार आखिर क्या हासिल कर लेगा। दरअसल अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाने के पीछे कांग्रेस परसेप्शन से लेकर सामाजिक समीकरण तक को साधने की कोशिश में है। इसे कांग्रेस का 'मनमोहन मॉडल' भी कहा जा सकता है, जब सोनिया गांधी ने पीएम पद का 'त्याग' कर उन्हें जिम्मा दिया था। वहीं खुद पर्दे के पीछे रहते हुए सरकार को निर्देश देती थीं। माना जा रहा है कि अध्यक्ष पद पर भी कांग्रेस ने यही मॉडल अपनाने की तैयारी कर ली है। इससे वह विपक्ष और खासतौर पर भाजपा को परिवारवाद के आरोपों को लेकर जवाब दे पाएगी। भाजपा अकसर सोनिया गांधी या राहुल गांधी के ही लगातार कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने को मुद्दा बनाती रही है।

कैसे गहलोत के जरिए ओबीसी को पाले में लाएगी कांग्रेस
ऐसे में अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस इस आरोप की काट कर सकेगी। यही नहीं सामाजिक समीकरणों के लिहाज भी अशोक गहलोत की भूमिका अहम होगी। वह माली जाति से आते हैं, जिसे पिछड़े वर्ग में शुमार किया जाता है। उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस राजस्थान समेत कई राज्यों में इस बात को भुनाना चाहेगी कि उसने एक ओबीसी नेता को पार्टी का मुखिया बनाया है। मई में उदयपुर में हुई मीटिंग में भी कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित किया था कि अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को संगठन में 60 फीसदी पद दिए जाएंगे। उसके बाद अब य़ह फैसला इसी दिशा में एक और कदम है।

पायलट को मौका देने से भी सधेंगे सामाजिक समीकरण!
यही नहीं कांग्रेस की तैयारी इससे भी थोड़ा आगे की है। एक तरफ अशोक गहलोत अध्यक्ष बन सकते हैं तो पिछड़े वर्ग में शामिल गुर्जर जाति से आने वाले सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाया जा सकता है। गुर्जर समुदाय की राजस्थान के अलावा हरियाणा, यूपी और कई अन्य राज्यों में भी अच्छी खासी आबादी है। ऐसे में ओबीसी समाज के ही दो नेताओं के जरिए कांग्रेस आगे बढ़ने की तैयारी में है।