बिना कपड़ों के सड़क पर भागी किशोरी का क्या है सच, पिता बोले- नहीं हुआ दुष्कर्म, रिश्तेदार ने झूठा मुकदमा कराया

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मुरादाबाद
मुरादाबाद के भोजपुर में किशोरी के बिना कपड़ों के भागने के मामले में वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने रिपोर्ट किशोरी के रिश्तेदार की शिकायत पर लिखी थी। लेकिन, किशोरी के पिता का कहना है कि यह सब झूठ है। बेटी के साथ को दुष्कर्म नहीं हुआ है। किशोरी के पिता ने घटना को झूठा बताया है। उनका कहना है कि गांव गांव में सस्ते गल्ले की दुकान, जमीन और चुनाव की रंजिश को लेकर एक पक्ष से विवाद चल रहा है। ठाकुरद्वारा में रहने वाले मेरे बहनोई ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है। मेरी बेटी की दिमागी हालत ठीक नहीं है। वह अपने कपड़े स्वयं फाड़ती रहती है।

जानें रिश्तेदार ने पुलिस को क्या बताई थी कहानी
रिश्तेदार ने पुलिस को बताया था कि एक सितंबर को गांव में लगे छड़ी मेला को देखकर आ रही किशोरी को गांव के ही पांच युवक उठाकर पास के ही गांव सैदपुर खद्दर के जंगल में ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। किशोरी की चीख निकले पर अपने खेत की सिंचाई कर रहे रईस ने सभी आरोपितों को फटकारा। इस पर किशोरी को निर्वस्त्र अवस्था में छोड़कर भाग गए।

पुलिस में सात सितंबर को दर्ज कराई गई रिपोर्ट
सात सिंतबर को सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने 15 सितंबर को एक युवक को गिरफ्तार कर लिया था । मंगलवार को ट्वीटर पर किशोरी का निर्वस्त्र भागने का वीडीयो वायरल हुआ था। जिससे पुलिस विभाग व क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बुधवार को पीड़िता के घर मजिस्ट्रेट, एसओजी, थाना पुलिस आदि ने जाकर जांच की।

किशोरी के पिता ने अफसरों को बताया सच
किशोरी के पिता ने जांच अधिकारियों को बताया यह घटना झूठ है। पांचों युवकों को फंसाया जा रहा है। गांव में पार्टी बंदी चल रही है। एक पक्ष ने मेरे बहनोई को लालच देकर ऐसा कराया है। मुझे और मेरी पत्नी को मानसिक रूप से बीमार दिखाकर यह झूठी घटना बनाकर निर्दोष लोगों को फंंसाया जा रहा है। मेरी बेटी मानसिक रूप से बीमार है। मैंने उसके और पत्नी के साथ न्यायालय में बयान भी दे दिए हैं।

जमीन को लेकर गांव के दो पक्षों में चल रही है रंजिश
जांच के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम को ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो परिवारों में जमीन के बंटवारे को लेकर रंजिश चल रही है। एक पक्ष की गांव में सस्ते गल्ले की दुकान थी। जिसे दूसरे पक्ष ने दस साल पहले प्रधान के साथ मिलकर निरस्त करा दिया था। राशन वितरण में धांधली का आरोप लगाया था। इसी को लेकर दुकान निरस्त कराने वाले ग्राम प्रधान के पोते, सहित पांच लोगों से बदला लेने के लिए यह मुकदमा कराया है।

 

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