नई दिल्ली
तालिबान ने हथियार के दम पर अफगानिस्तान की सत्ता हासिल तो कर ली है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी तक उसे किसी ने पूर्ण रूप से मान्यता नहीं दी। इस दिशा में अब रूस ने बड़ा कदम उठाया है, जहां मास्को में 20 अक्टूबर को एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अंतरराष्ट्रीय वार्ता के लिए तालिबान के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। इससे पहले यूएन समेत कई जगहों पर तालिबान के प्रतिनिधियों को जगह नहीं मिली थी। अफगानिस्तान पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष प्रतिनिधि ने गुरुवार को कहा कि रूस अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता के लिए तालिबान के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करेगा, जिसकी मेजबानी 20 अक्टूबर को मास्को में करने की योजना है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस वार्ता के बाद रूस अपना रुख अफगानिस्तान पर साफ कर सकता है।
रूसी विदेश मंत्री ने कही थी ये बात
कुछ दिनों पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तालिबान पर एक अहम बयान दिया था। उन्होंने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान में जल्द से जल्द समावेशी सरकार बनाए। जिसमें सभी लोगों का प्रतिनिधित्व हो। साथ ही जनता से जो भी वादे किए हैं, उनको पूरा किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि रूस अफगानिस्तान में आतंकवाद रोकने, समावेशी सरकार आदि मुद्दों पर काम कर रहा है। इसमें अमेरिका, चीन, पाकिस्तान उसका साथ दे रहे हैं। विदेश मंत्री ने महिलाओं के समान अधिकार की भी बात कही थी।