अमेरिका का कहना- अब भी अलकायदा का दोस्त है तालिबान, दोहा समझौते का नहीं किया सम्मान 

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 नई दिल्ली  
अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने के 1 महीने बाद अब अमेरिका ने कहा है कि तालिबान ने अमेरिका के साथ किए दोहा समझौते का सम्मान नहीं किया है। अमेरिका का कहना है कि तालिबान ने आतंकवादी संगठन अल-कायदा के साथ अपनी दोस्ती नहीं तोड़ी है। यह वही आतंकवादी संगठन है जिसने अमेरिका 9/11 के आतंकी हमले को अंजाम दिया था। अमेरिका ने दावा किया है कि तालिबान ने दोहा समझौते में रखी गई सात शर्तों में एक के अलावा किसी शर्त को पूरा नहीं किया, जबकि अमेरिका ने अपनी सारी शर्ते पूरी की हैं।

अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य जनरल ने मंगलवार को कहा कि तालिबान दोहा समझौते का सम्मान करने में नाकामयाब रहा है और सबसे अहम बात यह है कि संगठन ने अब तक अल-कायदा का साथ नहीं छोड़ा है।  अमेरिका के संयुक्त प्रमुखों के अध्यक्ष जनरल मार्क ने कहा, "दोहा समझौते के तहत अमेरिका को अपनी सेना वापस लेनी थी जिसके बाद तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच एक राजनीतिक समझौता होता। उन्होंने बताया कि समझौते के तहत तालिबान पर सात और अमेरिका पर आठ शर्ते लागू होती थीं।"

उन्होंने बताया, "तालिबान ने अमेरिकी बलों पर हमला न करके एक शर्त को तो पूरा किया लेकिन इसके अलावा किसी भी दूसरी शर्त को पूरा करन में वे नाकामयाब रहे. और अमेरिका के लिए सबसे अहम शर्त को भी उन्होंने पूरा नहीं किया. उन्होंने अल-कायदा को नहीं छोड़ा।"
 

जनरल मिले ने जोद देकर कहा, "और हमें याद रखना चाहिए कि तालिबान एक आतंकवादी संगठन था और है, और उन्होंने अभी भी अल-कायदा के साथ संबंध नहीं तोड़े हैं। मुझे कोई शक नहीं है कि हम किसके साथ काम कर रहे हैं। यह देखा जाना बाकी है कि तालिबान सत्ता को मजबूत कर सकता है या नहीं। या फिर देश गृहयुद्ध में जाएगा और टूट जाएगा।”

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