रूस पर दोष और रूस से ही ऊर्जा की उम्मीद!

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नईयार्क
 यूरोप में प्राकृतिक गैस और बिजली की बढ़ी कीमत ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) और रूस के संबंधों में नए पेच डाल दिए हैँ। ईयू के भीतर ये आम भावना है कि रूसी कंपनी गैजप्रोम ने जानबूझ कर गैस महंगी की है। इसी बीच पांच प्रमुख यूरोपीय देशों- फ्रांस, स्पेन, चेक रिपब्लिक, रोमानिया और ग्रीस- ने गैस की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की जांच कराने की मांग की है। इन देशों ने कहा है कि इस महंगाई के कारणों की ज़ड़ तक पहुंचा जाना चाहिए।

वेबसाइट रशिया टुडे के मुताबिक,  पांचों देशों ने एक साझा बयान में कहा- ‘गैस के मामले में यूरोपीय गैस बाजार के संचालन की जांच होनी चाहिए, ताकि यह समझा जा सके कि अभी गैस सप्लाई के लिए जो अनुबंध मौजूद हैं, वे क्यों नाकाफी साबित हुए।’ बुधवार को यूरोप में गैस की कीमत का नया रिकॉर्ड बना। एक समय ये भाव प्रति 1000 क्यूबिक मीटर 1,936 डॉलर हो गया। गैस की महंगाई के कारण यूरोप में बिजली भी महंगी हो गई है।

इस समस्या का तुरंत कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। मौसम की भविष्यवाणियों ने सरकारों की चिंता और बढ़ा दी है। इन भविष्यवाणियों में कहा गया है कि इस साल सामान्य से ज्यादा सर्दी पड़ने की संभावना है। उसका मतलब है कि घरों को गर्म रखने और दूसरे उपभोग के लिए अधिक गैस और बिजली की जरूरत होगी।

इसे देखते हुए पांच देशों के बयान को यहां बहुत अहमियत दी जा रही है। पांचों देशों ने मांग की है कि पूरे ईयू के लिए गैस भंडार संबंधी साझा नियम बनाए जाएं। उनके मुताबिक, साझा नियमों से गैस की खरीदारी के दौरान तमाम देशों के बीच तालमेल बनाए रखने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया- ‘हमें गैस भंडारण के मामले में साझा दिशानिर्देश तय करने चाहिए, ताकि मूल्य वृद्धि को नियंत्रित रखा जा सके। साथ ही गैस की खरीदारी में उससे बेहतर समन्वय बनेगा। उससे ईयू की सौदेबाजी की क्षमता मजबूत होगी।’

 पांचों देशों ने कहा है कि ईयू को अब दीर्घकालिक उपाय करने चाहिए। उसे गैस निर्यातक देशों पर अपनी निर्भरता घटानी चाहिए। इसके लिए ऊर्जा के अलग-अलग स्रोतों में निवेश बढ़ाना होगा। साझा बयान में पवन और सौर ऊर्जा को अब ज्यादा अहमियत देने पर जोर दिया गया है।

इस बीच वेबसाइट रशियाटुडे.कॉम ने नीदरलैंड्स के एक बैंक की अध्ययन रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन से गैस की सप्लाई शुरू होते ही यूरोप में गैस की कीमत न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाएगी। इसी हफ्ते नॉर्ड स्ट्रीम-2 की संचालक कंपनी ने कहा था कि इस पाइपलाइन के जरिए गैस की सप्लाई इसी साल शुरू हो जाएगी। नीदरलैंड्स के सैक्सो बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- ‘अगर रूस ने इस साल की चौथी तिमाही में नॉर्ड स्ट्रीम-2 से सप्लाई शुरू कर दी, तो प्राकृतिक गैस की कीमत इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी।’

बैंक के अधिकारियों ने कहा है कि यूरोप में ऊर्जा संकट मांग पूरी ना हो पाने की वजह से पैदा हुआ है। हाल के वर्षों में इस साल सबसे कम पवन ऊर्जा पैदा हुई है। ऐसे में कोयले और गैस की मांग बढ़ी है। बैंक ने कहा- जब ऊर्जा भंडार खाली है, यूरोप और अमेरिका कड़ी सर्दी की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में नॉर्ड स्ट्रीम-2 से बड़ी राहत मिल सकती है।

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