ताइपे
चीन अपनी बदमाशियों से बाज नहीं आ रहा है। ड्रैगन ने ताइवान के रक्षा क्षेत्र के ऊपर से लगभग 100 सैन्य विमान उड़ाए, जिसके बाद से ताइवान ने भी चीन को चेतावनी देने के लिए अपने विमान भेजे थे। अब इस मामले पर अमेरिका भी भड़क गया है और उसने चीन को चेतावनी दे दी है। अमेरिका ने इस मामले पर चीन से उसकी "उकसाने वाली सैन्य" गतिविधियों को रोकने के लिए कहा है।
अमेरिका ने अपने बयान में कहा , 'हम बीजिंग से अपील करते हैं कि वह ताइवान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई रोके।' ताइवान के रक्षा मंत्रालय न बताया कि चीन की वायु सेना ने शुक्रवार, शनिवार और रविवार को फिर से सैन्य विमानों को भेजा था। अकेले शनिवार को 39 विमानों को ताइवान के क्षेत्र में देखा गया था।
ताइवान पिछले 1 साल से चीन की ऐसी घटिया हरकतों की शिकायत करता आ रहा है लेकिन चीन अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अभी तक अपनी गतिविधियों पर टिप्पणी नहीं की है, और यह स्पष्ट नहीं है कि बीजिंग ने मिशनों को माउंट करने का निर्णय लेने का क्या कारण हो सकता है। हालांकि शुक्रवार को देश का राष्ट्रीय दिवस था।
चीन की ओर से सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन
इस बीच अमेरिका ने चीनी विमानों की घुसपैठ पर चिंता जताते हुए स्वशासित द्वीप के नजदीक इसे ‘भड़काने वाली सैन्य गतिविधि’ करार दिया है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। चीन ने शुक्रवार को 38 और शनिवार को 39 लड़ाकू विमानों को ताइवान की ओर भेजा था जो पिछले साल सितंबर से चीन के लड़ाकू विमानों के उड़ान की जानकारी साझा करने की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन था। चीन के विमान शनिवार की रात के बाद रविवार को दिन में भी ताइवान की ओर आए।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस द्वारा जारी बयान में ताइवान के नजदीक चीन की सैन्य गतिविधि को लेकर चेतावनी देते हुए कहा गया कि वह गलत आकलन कर रहा है और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कमतर कर रहा है। बयान में कहा गया, ‘हम बीजिंग से अपील करते हैं कि वह ताइवान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई रोके।’ बयान में कहा गया कि अमेरिका ताइवान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है और वहां की सरकार की पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता के लिए मदद करना जारी रखेगा।